नई दिल्ली, 21 फरवरी . बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने हाल ही में अपने एक बयान में कहा था कि दिल्ली चुनाव में कांग्रेस भाजपा की ‘बी टीम’ की तरह लड़ी. इस पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह सब कहने की बातें हैं और किसी को भी जमीनी हकीकत की जानकारी नहीं है.
संदीप दीक्षित ने दावा किया कि दिल्ली में वोट आम आदमी पार्टी के खिलाफ पड़ा था, लेकिन इन नेताओं ने खुद कभी जमीन पर जाकर स्थिति नहीं समझी. अगर कांग्रेस आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर भी चुनाव लड़ती, तब भी केजरीवाल की हार तय थी.
उन्होंने यह भी कहा कि जिन सीटों पर कांग्रेस का वोट था, वह आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच के अंतर पाटने के लिए पर्याप्त नहीं था. कांग्रेस का वोट ज्यादातर आम आदमी पार्टी के खिलाफ जाता है और दिल्ली का आम आदमी कांग्रेस को वोट देकर इन्हें हराना चाहता था.
दीक्षित ने आगे कहा कि दलित और मुस्लिम वोटर इस डर से आम आदमी पार्टी के पक्ष में चले गए कि कहीं भाजपा चुनाव न जीत जाए. अगर ऐसा न होता, तो आम आदमी पार्टी को 10-12 सीटें ही मिलतीं. उन्होंने मायावती पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें दिल्ली के हालात की समझ नहीं है. साथ ही, उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि बसपा ने अपने उम्मीदवार क्यों उतारे थे. क्या वे आम आदमी पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए थे, या वोट काटने के लिए?
कांग्रेस नेता ने कहा कि असली समस्या यह है कि अब उत्तर प्रदेश में चुनाव नजदीक हैं और मायावती को लग रहा है कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन हो सकता है, जिससे उनका राजनीतिक गणित बिगड़ सकता है. इसी वजह से अब वह कांग्रेस पर सवाल उठा रही हैं.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान पर कि जो बाइडेन की सरकार नहीं चाहती थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में वापसी करें, संदीप दीक्षित ने कहा कि ट्रंप कुछ भी बोल देते हैं. अगर ट्रंप के पास सबूत हैं, तो उन्हें पेश करना चाहिए. दीक्षित ने कहा कि अगर ऐसी कोई बात है तो इसकी जांच होनी चाहिए और यह पता लगाया जाना चाहिए कि किसने किसे कितना पैसा दिया. उन्होंने सुझाव दिया कि अगर ट्रंप और मोदी सरकार चाहें तो मिलकर इसकी जांच कर सकते हैं.
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री द्वारा पहली कैबिनेट बैठक करने और उसमें महिलाओं को मिलने वाली सहायता राशि की घोषणा न होने को लेकर भी संदीप दीक्षित ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के लिए 12-13 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी, जबकि दिल्ली की आर्थिक स्थिति आप सरकार ने खराब कर दी है.
उन्होंने कहा कि भाजपा ने जो वादे किए हैं, उन्हें पूरा करना ही होगा, लेकिन इसमें थोड़ा समय लग सकता है. उन्होंने कहा कि बयानबाजी से परहेज करना चाहिए और सरकार को कुछ समय देना जरूरी है. अभी सरकार को छह महीने से एक साल तक का वक्त मिलना चाहिए और अगर उसके बाद भी सरकार अपने वादों को पूरा नहीं करती, तो कांग्रेस सवाल उठाएगी. उन्होंने कहा कि आज, कल या परसों फैसले लेने का कोई मतलब नहीं है, सरकार को पहले स्थिरता से काम करने का अवसर देना चाहिए.
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पीएसएम/एकेजे