मराठी बोलने से परहेज, तो भुगतना पड़ेगा परिणाम : संदीप देशपांडे

मुंबई, 1 अप्रैल . महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) मुंबई के प्रदेश अध्यक्ष संदीप देशपांडे ने कहा है कि जिन लोगों को मराठी आती है और फिर भी मराठी बोलने से परहेज करते हैं, तो उन्हें परिणाम तो भुगतना ही पड़ेगा. जो लोग वर्षों से यहां रह रहे हैं और यह कहें कि मराठी बोलनी नहीं आती है, तो इससे ज्यादा अपमानजनक बात क्या हो सकती है.

दरअसल, मुंबई स्थित सुपरमार्केट के कर्मचारी ने मराठी में बात करने से किया इनकार कर दिया था. इसके बाद मनसे के कार्यकर्ताओं ने कर्मचारी को थप्पड़ रसीद दिया था.

इस मामले पर मनसे के प्रदेश अध्यक्ष संदीप देशपांडे ने मंगलवार को न्यूज एजेंसी से बात की. उन्होंने कहा कि मुझे भी इस घटना के बारे में मीडिया से जानकारी मिली थी. मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि मुंबई में वर्षों से रहने वाले लोग जिन्हें मराठी बोलनी आती है, लेकिन कहते हैं कि वह मराठी नहीं बोलेंगे तो यह बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा. एक वक्त के लिए हम यह मान सकते हैं कि किसी को मराठी बोलने में परेशानी है. लेकिन, कोई जानबूझकर मराठी बोलने से इनकार करे तो यह ठीक नहीं है. ऐसा रवैया रखने वाले लोगों को परिणाम तो भुगतना ही पड़ेगा.

मनसे मुंबई प्रमुख ने आगे कहा कि जो परिणाम सुपर मार्केट में देखने को मिला है वह आगे भी दिखाई देगा. यह हमारी अस्मिता की बात है. हम पहले भी करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. महाराष्ट्र में बचपन से रहने वाले लोगों को मराठी भाषा का ज्ञान तो होना ही चाहिए.

बता दें कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें एक कर्मचारी मराठी बोलने से इनकार करता है. कर्मचारी कहते हुए पाया गया कि वह सिर्फ हिंदी में ही बात करेगा. इसे लेकर मनसे के कार्यकर्ता भड़क गए और कर्मचारी को थप्पड़ जड़ दिया. इस मामले को तूल पकड़ते देख स्टोर के कर्मचारी ने अपने बर्ताव के लिए माफी मांग ली.

दूसरी ओर बीएमसी चुनाव को लेकर मनसे नेता संदीप देशपांडे ने कहा कि हमारी पूरी तैयारी है. हम लोग चुनाव की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं.

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