सनातन संस्कृति मनुष्य को सन्मार्ग पर चलना सिखाती है : मोहन यादव

नई दिल्ली, 27 नवंबर . मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को कहा कि सनातन संस्कृति की विभिन्न शाखाएं संपूर्ण विश्व में फैली हुई हैं. इनके माध्यम से हिन्दू संस्कृति सर्वत्र व्याप्त है. इसी संस्कृति को हम मंदिर संस्कृति भी कहते हैं.

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लंदन के स्वामी नारायण संप्रदाय के मंदिर प्रांगण में कहा कि इस्कॉन टेम्पल, स्वामी नारायण भगवान जैसे अन्य संप्रदाय विभिन्न प्रकार से सनातन संस्कृति का प्रसार कर रहे हैं. हमारे धर्म में 33 कोटि देवी-देवताओं को विभिन्न स्वरूपों में पूजा जाता है और यही सनातन संस्कृति और सनातन धर्म की सुंदरता है.

उन्होंने कहा कि मार्ग भले ही पृथक-पृथक हों, परंतु सदैव मंशा सद्भाव की होती है. उनके दिखाए मार्ग पर चलना पूरे सनातन धर्म ने स्वीकार किया है. अहिंसा परमो धर्म का भाव, जियो और जीने दो, प्राणी मात्र से प्रेम करो, जैसे सरल मार्ग पर चलकर ही आता है.

उन्होंने कहा कि ऐसे में समूची मानवता को मंदिर संस्कृति अपने-आप में समेटे हुए है. प्रस्तर शिल्प में सनातन संस्कृति जीवंत स्वरूप में दिखाई देती है. हमारी प्राचीन कला, संस्कृति और सभ्यता को विभिन्न स्वरूपों में पत्थरों पर उकेरा गया है, न सिर्फ प्रस्तर शिल्प बल्कि काष्ठ शिल्प भी सनातन संस्कृति विभिन्न रूपों में अपनी कहानी कह रही है. मनुष्य में सनातन संस्कृति को लेकर मन के भावों को इन उत्कृष्ट कलाओं के माध्यम से जीवंत करने का प्रयास किया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि कदम-कदम पर चुनौतियों और कठिनाइयों के समय में मन की एकाग्रता के लिए मानवता के साथ अगर कोई सन्मार्ग पर चलना सिखाता है, तो वह सनातन संस्कृति ही सिखाती है, हमारा धर्म सिखाता है.

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