प्रयागराज, 23 जनवरी . कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने गुरुवार को बताया कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 27 जनवरी को धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा. इसमें देशभर के साधु-संत, शंकराचार्य और 13 अखाड़ों के प्रमुख शामिल होंगे. इस धर्म संसद का उद्देश्य समस्त सनातनियों को एकजुट करना है.
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम सनातनियों को कोई भी अलग नहीं कर सकता. हम एकजुट थे और रहेंगे. हम लोगों ने एकता की शपथ ली है और यह शपथ हमने सभी सनातनियों के हित के लिए ली है.
उन्होंने कहा कि हम यहां से सनातन बोर्ड को लेकर जाएंगे, क्योंकि यह सभी सनातनियों के हित के लिए है. हम सभी लोग अब इसकी अहमियत को समझ रहे हैं. अब हम इसे बिना मूर्त रूप दिए नहीं जाएंगे. इस बोर्ड के संबंध में पूरी रूपरेखा निर्धारित की जा चुकी है, जिसे जल्द ही जमीन पर उतारा जाएगा.
देवकीनंदन ठाकुर से सनातन बोर्ड में उठाए जाने वाले मुद्दों के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने इस पर किसी भी प्रकार का जवाब नहीं दिया. लेकिन, लगातार इसी बात को दोहराते रहे कि हम सभी सनातनी एक हैं.
वहीं, महंत रविंद्र पुरी ने भी सनातन बोर्ड के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड के पास पूरे देश में 9 से 10 लाख एकड़ भूमि है. आखिर यह भूमि कहां से आई? हमें इसका जवाब चाहिए.
उन्होंने इस बात पर बल दिया कि जिस तरह से मौजूदा समय में मंदिरों और मठों की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है, हम उसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं और इसी को देखते हुए सनातन बोर्ड के गठन की आवश्यकता महसूस की जा रही है.
उन्होंने कहा कि हम सनातन बोर्ड का प्रारूप तैयार कर चुके हैं और जल्द ही इसे धरातल पर उतारकर रहेंगे. लेकिन, इस प्रारूप को जमीन पर उतारने से पहले मंदिर, मठों और संतों की सहमति ली जाएगी. हमारा मुख्य उद्देश्य सनातन से जुड़े धार्मिक स्थलों को सशक्त करना है.
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एसएचके/