कोलकाता, 28 दिसंबर . पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में पुलिस ने बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है. उनमें कुछ ऐसे भी लोग हैं जो बांग्लादेशी घुसपैठियों को शरण दे रहे थे और भारत में रहने में उनकी मदद कर रहे थे. पुलिस ने उनके पास से आधार, पैन, पासपोर्ट जैसे भारतीय दस्तावेज बरामद किए हैं.
इस बारे में जब भाजपा के राज्यसभा सांसद समिक भट्टाचार्य से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ हमारी 2,200 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सीमा में कोई भी एजेंसी, कोई भी बल पूरी तरह से घुसपैठ को रोकने की क्षमता नहीं रखता. अगर बीएसएफ, एसएसबी, पुलिस मिलकर काम करें और इस पर राजनीतिक सहमति बने, साथ ही लोगों में जागरूकता आए, तभी घुसपैठ को रोका जा सकता है. लेकिन दुर्भाग्य से पश्चिम बंगाल पूरे देश में एकमात्र राज्य है जहां रोहिंग्या का स्वागत किया जाता है, यहां वह अतिथि हैं. यह खुलेआम घुसपैठ को आमंत्रण दे रहे हैं.
उन्होंने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “तृणमूल का एक नेता कहता है कि किसी भी बांग्लादेशी का नाम बाहर नहीं रहना चाहिए, सभी का नाम वोटर लिस्ट में डाल देना चाहिए. बॉर्डर के पार के आतंकवादी और यहां के मंत्री एक तरह की भाषा बोल रहे हैं. पश्चिम बंगाल में शरीयत लागू करना चाहते हैं. तृणमूल का एक नेता कहता है कि यहां हिन्दू 30 फीसद है, इसे तो जब चाहे काटकर भागीरथी में बहा सकते हैं.”
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के संदेशखाली दौर पर उन्होंने कहा कि संदेशखाली में वहां की महिलाओं ने अपने ऊपर हो रहे अत्याचार के बारे में बताया था. वे भाजपा की कार्यकर्ता नहीं थीं. जिस वक्त लोगों की जमीन छीनी जा रही थी, महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा था, तब मुख्यमंत्री संदेशखाली नहीं गईं. चुनाव में तृणमूल जीती, लेकिन ममता बनर्जी के खिलाफ संदेशखाली की जनता ने मतदान किया. अब ममता बनर्जी संदेशखाली जा रही हैं और वहां जाकर भाजपा के खिलाफ ही बोलेंगी.
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डीकेएम/एकेजे