बेंगलुरु, 17 फरवरी . इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा को ‘चीन को दुश्मन नहीं समझना चाहिए’ वाले बयान पर रक्षा विशेषज्ञ और पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी जीजे सिंह ने आड़े हाथों लिया है.
न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “सैम पित्रोदा को क्या मालूम है कि 1962 में क्या हुआ था? पंडित नेहरू को किसने धोखा दिया? हम शांति के रास्ते पर थे. हम इस क्षेत्र में शांति चाहते थे. लेकिन, हमने देखा कि चीन ने हमारी पीठ में छुरा घोंपा और इसी वजह से 1962 का युद्ध हुआ. उसके बाद, हमने देखा कि नाथू ला दर्रा में क्या हुआ, जहां हमने अपने 88 सैनिकों को खो दिया. फिर चीन ने डोकलाम में समस्याएं पैदा की. उसके बाद, गलवान में समस्याएं पैदा की. चीन किसी न किसी तरह से हमारे क्षेत्र को हड़पने की कोशिश करने की नीति का पालन करता है. 1962 में, चीन ने हमसे हजारों वर्ग किलोमीटर छीन लिए. सैम पित्रोदा जो सिर्फ एक उद्यमी हैं, वह इस बारे में क्या जानते हैं?”
उन्होंने कहा कि चीन कराची से सटे पोर्ट पर मिलिट्री बेस बना रहा है. पाकिस्तान जो हमारा दुश्मन है, उसे सबमरीन देने के लिए तैयार है. बांग्लादेश में चीन की कोशिश है कि मिलिट्री बेस बनाने के लिए कोई जगह ले ली जाए. श्रीलंका में भी कुछ ऐसा ही प्रयास किया जा रहा है. हम इन चीजों को कब समझेंगे? मुझे लगता है कि सैम पित्रोदा का अपना कोई दिमाग नहीं है. वह सैन्य रणनीति पर बोलने के लिए जीरो हैं. उन्हें समझ नहीं है कि क्या बोलना है? वह तो सिर्फ एक उद्यमी रहे हैं. उन्हें लोग इसलिए जानते हैं कि वह राजीव गांधी के दोस्त थे. मुझे लगता है कि उन्होंने इस तरह का बयान देकर अपनी अज्ञानता का परिचय दिया है. वह सिर्फ विवाद पैदा करना चाहते हैं, वह साल 2024 में हेरिटेज टैक्स की बात कर रहे थे.
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा था कि भारत को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है और यह धारणा छोड़ने की जरूरत है कि चीन दुश्मन है.
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डीकेएम/एबीएम