सलमान खुर्शीद की जयशंकर पर टिप्पणी, ‘भारत सबल, लेकिन इसका मतलब दूसरे देशों से रिश्ता खराब भी ठीक नहीं’

New Delhi, 24 अगस्त . विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए गए टैरिफ के जवाब में कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि अगर भारत से तेल या रिफाइंड उत्पाद खरीदने में किसी को समस्या है, तो मत खरीदो. कोई आपको इसके लिए मजबूर नहीं कर रहा. यूरोप खरीदता है, अमेरिका खरीदता है. अगर आपको नहीं पसंद, न खरीदें.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर की टिप्पणी पर बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने कहा, “भारत किसी के दबाव में नहीं आता और न ही आना चाहिए. यह सरल है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप पूरी दुनिया के साथ संबंध खराब कर लें. हमें पहले से योजना बनानी चाहिए कि हमारे रिश्ते कहां और कैसे प्रभावित हो सकते हैं.”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक संबंधों में संतुलन बनाए रखना जरूरी है ताकि भारत की कूटनीतिक स्थिति मजबूत रहे.

सलमान खुर्शीद ने संविधान संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में शामिल होने से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और समाजवादी पार्टी (सपा) के इनकार पर भी अपनी राय रखी.

उन्होंने कहा, “वे जाना ही नहीं चाहते. उनका रुख हमारे सुझाव से भी ज्यादा कड़ा है. वे इतने नाराज हैं कि उन्हें लगता है कि अगर वे इसमें शामिल हुए, तो वहां बहुमत उनके खिलाफ हो जाएगा. उनकी राय इस मामले पर बहुत गंभीर और मजबूत है.”

सलमान खुर्शीद ने सवाल उठाया कि क्या यह कदम विपक्ष शासित सरकारों को अस्थिर करने की एक नई कोशिश है?

उन्होंने इस मुद्दे पर विपक्षी दलों की एकजुटता पर बल देते हुए कहा कि यह एक गंभीर मसला है, जिस पर सभी को एक साथ विचार करने की जरूरत है.

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के विदेशी मामलों के विभाग में सलमान खुर्शीद को अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया है. इस पर उन्होंने कहा, “हमारा विदेश मामलों का विभाग हमेशा से बहुत मेहनती रहा है और उसने सराहनीय कार्य किया है. यह उसी परंपरा को आगे बढ़ाने की बात है. मुझे यह जिम्मेदारी सौंपने के लिए मैं अपने नेतृत्व का आभारी हूं.”

उन्होंने जोर देकर कहा कि हम इस भूमिका में भारत के वैश्विक हितों को बढ़ावा देने के लिए काम करेंगे और कांग्रेस की नीतियों को और मजबूत करेंगे.

एकेएस/केआर