अलीगढ़, 17 जुलाई . कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने अलीगढ़ में जोनल ब्रज क्षेत्र कार्यशाला में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने बिहार में मतदाता सूची को लेकर चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाया.
उन्होंने कहा कि बिहार में मतदाता सूची का मामला जानबूझकर चुनाव से ठीक पहले निपटाया जा रहा है, जो उचित नहीं है. यह मामला अब Supreme court में है और जल्द ही इस पर सुनवाई होगी. सुनवाई के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.
सलमान खुर्शीद ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने कई बार चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर एतराज जताया है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के बारे में हमारे नेता बहुत बार स्पष्ट कर चुके हैं, हम संतुष्ट नहीं हैं. जैसी कार्रवाई चुनाव आयोग की महाराष्ट्र में रही, वही बिहार में हो रही है, बहुत सारे बिंदुओं को लेकर हमने चुनाव आयोग के सामने आपत्तियां दर्ज कराई हैं, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला.
उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन की संभावनाओं पर सलमान खुर्शीद ने कहा कि वर्तमान स्थिति के आधार पर ही चर्चा संभव है. उन्होंने पिछले विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस और सपा के गठबंधन से दोनों दलों को फायदा हुआ और भारतीय जनता पार्टी को रोकने में सफलता मिली थी. यह अनुभव भविष्य में भी महत्वपूर्ण रहेगा. हालांकि, सीटों के बंटवारे का फैसला पार्टी नेतृत्व करेगा. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पूरी ताकत से चुनाव की तैयारी करेगी और गठबंधन होने पर पार्टी हरसंभव योगदान देगी.
उत्तराखंड सरकार के सरकारी स्कूलों में भगवद् गीता पढ़ाने के फैसले पर सलमान खुर्शीद ने कहा कि यदि भगवद् गीता पढ़ाने में कोई आपत्ति नहीं है, तो कुरान या बाइबल पढ़ाने में भी किसी को समस्या नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सभी धार्मिक ग्रंथों का समान सम्मान करती है. यह आस्था और संवैधानिक व्यवस्था का मामला है, जिसमें सभी ग्रंथों को बराबर महत्व देना चाहिए.
एनसीईआरटी की किताबों में बदलाव के मुद्दे पर सलमान खुर्शीद ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ भारतीय सभ्यता और साझा विरासत के लिए उचित नहीं है. कांग्रेस सच्चाई को बिना तोड़-मरोड़ के प्रस्तुत करने में विश्वास रखती है, भले ही वह कितनी भी कड़वी क्यों न हो. सरकार का रवैया इतिहास को धूमिल करने का है.
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एकेएस/एबीएम