सायरा बानो ने ‘फिल्मिस्तान’ स्टूडियो में जन्माष्टमी की ‘जादुई’ रात का किस्सा शेयर किया

मुंबई, 27 अगस्त . वरिष्ठ अभिनेत्री सायरा बानो ने मंगलवार को फिल्मिस्तान स्टूडियो में ‘शागिर्द’ के सेट पर ‘कान्हा’ गाने की शूटिंग के दौरान हुई ‘जादुई’ घटना का एक किस्सा साझा किया.

सायरा ने इंस्टाग्राम स्टोरी सेक्शन पर लता मंगेशकर द्वारा गाए गए गाने ‘कान्हा’ का एक अंश साझा किया.

कैप्शन में 80 वर्षीय अभिनेत्री ने लिखा: “जन्माष्टमी की विशेष रात पर, फिल्मिस्तान स्टूडियो में ‘शागिर्द’ के सेट पर कुछ जादुई हुआ था. हम भजन ‘कान्हा’ फिल्मा रहे थे, और भगवान कृष्ण की खूबसूरत मूर्ति के सामने गाना, बैकग्राउंड में लता जी की सुरीली आवाज, एक ऐसा दिव्य पल था जिसे मैं हमेशा संजो कर रखूंगी और सभी को प्रेम, भक्ति और स्वयं सर्वशक्तिमान की सौम्य उपस्थिति से भरी जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देती हूं.”

कॉमेडी ड्रामा ‘शागिर्द’ का निर्देशन समीर गांगुली ने किया था. फिल्म में जॉय मुखर्जी मुख्य भूमिका में थे.

व्यक्तिगत मोर्चे पर, सायरा अभिनेत्री नसीम बानो और निर्माता मियां एहसान-उल-हक की बेटी हैं.

सायरा ने 11 अक्टूबर 1966 को अभिनेता दिलीप कुमार से शादी की थी. उनकी कोई संतान नहीं है.

16 साल की उम्र में सायरा ने हिंदी फिल्मों में डेब्यू किया था और 1961 में फिल्म ‘जंगली’ से शम्मी कपूर के साथ अभिनय की दुनिया में कदम रखा. उन्होंने 1960 के दशक में ‘झुक गया आसमान’, ‘आई मिलन की बेला’, ‘अप्रैल फूल’, ‘आओ प्यार करें’ और ‘प्यार मोहब्बत’ सहित कई अन्य सफल फिल्मों से खुद को स्थापित किया.

वह ‘ये जिंदगी कितनी हसीन है’, ‘दीवाना’, ‘अमन’, ‘पड़ोसन’, ‘गोपी’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘विक्टोरिया नंबर 203’, ‘रेशम की डोरी’, ‘इंटरनेशनल क्रूक’, ‘सगीना’, ‘आखिरी दांव’, ‘हेरा फेरी’, ‘नहले पे दहला’, ‘काला आदमी’, ‘देशद्रोही’ जैसी फिल्मों का हिस्सा रह चुकी हैं.

सायरा आखिरी बार 1988 की हिट फिल्म ‘फैसला’ में नजर आईं थी, जिसमें अशोक कुमार, विनोद खन्ना, विनोद मेहरा, रंजीत, सुजीत कुमार, बिंदू और महमूद थे. फिल्म का निर्देशन एस. रामनाथन ने किया था.

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