महाकुंभ नगर, 29 दिसंबर . 2025 महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से प्रयागराज में होने जा रहा है. जिसको लेकर सरकार की ओर से खास तैयारियां चल रही हैं. पहली बार कुंभ आयोजन में एआई चैटबॉट का प्रयोग होगा. जिससे 11 भारतीय भाषाओं में कुंभ से जुड़ी हर तरह की जानकारी हासिल की जा सकेगी. मन की बात’ में भी प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को संविधान दिवस और महाकुंभ का जिक्र किया. इसको लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी और अष्ट कौशल महंत जूना अखाड़ा के योगानंद गिरी ने से विशेष बातचीत की.
मन की बात’ के 117वें एपिसोड में पीएम मोदी ने कहा कि जब हम कुंभ में भाग लें, तो समाज में विभाजन और नफरत की भावना को खत्म करने का संकल्प लें. इस पर रवींद्र पुरी ने कहा, “हमारा मानना है हमारे प्रधानमंत्री सनातन के बहुत बड़े प्रहरी हैं. आज जितने भी सनातनी हैं सभी उन पर गर्व करते हैं और मैं यह कहना चाहूंगा कि जगतगुरु शंकराचार्य के बाद सनातन को पुनर्जीवित करने में हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का योगदान है. साधु-संत, मेले इत्यादि के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए प्रधानमंत्री मोदी गृहमंत्री अपार प्रशंसा के पात्र हैं.”
महाकुंभ हिंदू एकता का भी प्रतीक है. इस पर रवींद्र पुरी ने कहा, “हमने हमेशा जाति, भेदभाव को मिटाने का प्रयास किया है और आगे भी यही होगा. हमने जाति के ताने-बाने पर रोक लगाई है. हमारे जितने भी बड़े बड़े पद हैं, हमने सभी जातियों में दिए हैं. हमने जगतगुरु का भी पद दिया है, महामंडलेश्वर के पद दिए हैं. लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि जब हम संन्यासी हो जाते हैं तब हम जाति की बात नहीं करते हैं. तब हम सब संन्यासी ही होते हैं. हमारे यहां जितनी भी जातियां हैं सभी के पदाधिकारी हैं और हमारा भी प्रयास है कि हम सब एक रहें और आपस में ऐसा कोई गलत संदेश प्रयागराज से ना जाए जो संतों और सरकार के हित में ना हो.”
इस बार कुंभ का डिजिटल अवतार भी देखने के लिए मिलेगा, जिससे श्रद्धालुओं को बहुत सुविधाएं मिलेंगी. इस पर रवींद्र पुरी ने कहा कि यह पहला महाकुंभ है जो डिजिटल हो रहा है. आज हमारा महाकुंभ दिव्य, भव्य और स्वच्छ है. अब इसमें डिजिटल भी आ गया है. आप देख रहे हैं हमारे पास वॉकी-टॉकी है जिसका प्रयोग किया जाता है. हमारे पास मोबाइल है जिसका प्रयोग किया जाता है और पूरी मेला भूमि में ड्रोन कैमरे लगे हैं जो देख रहे हैं कौन क्या कर रहा है. अगर हमें कोई भी फलाहार चाहिए या हमें कुछ भी देखना है तो हम ऐप में जाते हैं जो हमें सब बता देती है कि हमारे दाएं-बाएं कौन है. इसके लिए शासन-प्रशासन ने दिन-रात मेहनत की है.
रवींद्र पुरी ने अपनी बात का समापन करते हुए कहा, “देश विदेश के श्रद्धालुओं से मैं कहना चाहूंगा कि प्रयागराज में आइए, स्नान कीजिए और जाने अनजाने में जो हमसे पाप होता है, उसके प्रायश्चित के लिए हमें कुंभ के रूप में बहुत सुंदर अवसर मिला है. यहां गंगा यमुना सरस्वती में स्नान कीजिए. आपका प्रायश्चित भी होगा और आपको मोक्ष भी मिलेगा. जो आप कामना लेकर आऐंगे वो सब पूर्ण हो जाएंगी हमारा ऐसा विश्वास है.”
वहीं डॉक्टर योगानंद गिरी ने से बात करते हुए कहा, “जिस प्रकार से आज ‘मन की बात’ में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी ने कुंभ को लेकर ज़िक्र किया, उसके लिए हम संत समाज उनकी प्रशंसा करते हैं. 2025 का कुंभ दिव्यता, भव्यता और स्वच्छता के साथ साथ आधुनिकीकरण में भी आगे बढ़ रहा है. इसमें एआई का उपयोग हो रहा है. कुंभ का पूरा डिजिटलाइजेशन कर दिया गया है. यहां डिजिटल खोया-पाया केंद्र का भी निर्माण किया जा रहा है. इस कुंभ मेला का जिस तरह से डिजिटलाइजेशन किया गया है, यह बहुत ही सराहनीय और स्वागत योग्य है.”
कुंभ में समाज के एकजुट होने का भी सार छिपा है. योगानंद गिरी ने इस पर कहा कि कुंभ मेला किसी भी तरह के द्वेष को समाप्त कर आपसी सौहार्द और प्रेम को बढ़ावा देने वाला है. संत समाज सभी को साथ लेकर चलता है. यहां कोई ऊंच-नीच, जाति, पंथ इत्यादि का भेद नहीं होता. यहां तक कि समाज ने जिस समुदाय को तिरस्कृत किया, संत समुदाय ने उसको भी जगह दी है. उसको भी आचार्य महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर आदि बनाया है. संतों ने आदिकाल से समाज का एकीकरण करने का कार्य किया है और इस कार्य की आज प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मन की बात में चर्चा की. उनकी जितनी प्रशंसा की जाए उतना कम है. प्रधानमंत्री मोदी जिस प्रकार से हमारी सनातन परंपरा की गहरी जानकारी रखते हैं उसके लिए उनको बहुत बहुत धन्यवाद, बहुत बहुत साधुवाद.
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एएस/