साय सरकार पुरानी योजनाओं को कर रही लागू, संकट में किसान : भूपेश बघेल

रायपुर, 14 जुलाई . छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत Monday को हंगामेदार रही. सत्र के पहले दिन पूर्व Chief Minister भूपेश बघेल ने अपनी सरकार के कार्यकाल की योजनाओं को लेकर Chief Minister विष्णु देव साय से तीखे सवाल किए. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिले.

भूपेश बघेल ने साय सरकार पर उनकी योजनाओं को बंद करने और भुगतान में देरी का आरोप लगाया, जबकि कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने पलटवार करते हुए पूर्ववर्ती सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया.

भूपेश बघेल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान हमने सीएम साय से पूछा कि दिसंबर 2018 से जून 2023 तक कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं में से कितनी बंद की गईं और कितनी अभी चल रही हैं.

जवाब में Chief Minister विष्णु देव साय ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार ने 96 योजनाएं शुरू की थीं, जिनमें से 85 योजनाएं अभी भी जारी हैं, 11 योजनाएं बंद की गईं, और छह योजनाओं के नाम बदले गए. राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, बेरोजगारी भत्ता योजना, राम वन गमन परिपथ और मानस मंडली प्रोत्साहन योजना जैसी प्रमुख योजनाएं अभी भी चल रही हैं.

भूपेश बघेल ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार हमारी योजनाओं को ही चला रही है और खुद की ओर से कोई नया काम नहीं कर रही. गोधन न्याय योजना चल रही है, लेकिन गोबर बेचने वालों को भुगतान क्यों नहीं हो रहा? स्व-सहायता समूहों का पैसा क्यों अटका है? राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत कोदो, कुटकी, रागी और फल-सब्जी उत्पादकों को दी जाने वाली अंतिम किस्त क्यों रोकी गई? बाकी योजनाओं का लाभ क्यों नहीं पहुंच रहा?

पूर्व Chief Minister भूपेश बघेल के बयान पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि हम उनकी योजना को क्यों ढोते रहें? हम प्रदेश के हित में और प्रदेश की बेहतरी के लिए यहां की जो जरूरत है, उसके आधार पर हम अपना काम कर रहे हैं. वह राजीव न्याय योजना की बात करेंगे या बाकी योजनाओं की बात करेंगे, जो सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गई हैं. तमाम तरह के भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गए. हम ऐसी कोई योजना नहीं चलाएंगे, जिससे जनता को नुकसान हो.

एकेएस/एबीएम