सवाई माधोपुर में भगवा कांवड़ यात्रा: बालमुकुंदाचार्य बोले ‘सनातन संस्कृति को मजबूत करने में हमारा योगदान’

सवाई माधोपुर, 5 अगस्त . राजस्थान की राजधानी jaipur के हवामहल से विधायक बालमुकुंदाचार्य ने Tuesday को सवाई माधोपुर में आयोजित सर्व समाज महा भगवा कांवड़ यात्रा में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए सनातन संस्कृति और परंपराओं के उत्थान की सराहना की. यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए, जिन्होंने सोलेश्वर महादेव से जल लेकर रामद्वारा तक शोभायात्रा निकाली.

बालमुकुंदाचार्य ने कहा कि प्रदेश के आपदा प्रबंधन और कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा भी इस यात्रा में शामिल होने वाले थे, लेकिन हाल की अतिवृष्टि के कारण वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में जुटे हैं. उन्होंने मीणा की तुलना एक सैनिक से की, जो देश की तरह जनता की सेवा में तत्पर रहता है. उन्होंने बताया कि मीणा ने Chief Minister के साथ बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और प्रभावित लोगों की मदद के लिए काम कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए बालमुकुंदाचार्य ने कहा कि 2014 के बाद से देश में सनातन संस्कृति और परंपराओं का उत्थान हुआ है. उन्होंने कहा कि भारत को अपनी संस्कृति के लिए विश्व में जाना जाता है और आज मोदी जी के नेतृत्व में देश का गौरव बढ़ रहा है. सवाई माधोपुर के लोगों ने इस कांवड़ यात्रा के माध्यम से सनातन संस्कृति को मजबूत करने में योगदान दिया है.

अनिरुद्धाचार्य के बयानों पर बालमुकुंदाचार्य ने कहा कि सनातनी संतों, धर्मगुरुओं या कथावाचकों के खिलाफ बिना पूरी जानकारी के टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग आपदा के समय सबसे पहले मदद के लिए आगे आते हैं और भंडारे जैसे आयोजनों के जरिए लोगों की सहायता करते हैं.

उन्होंने इस तरह के आयोजनों को संस्कृति के लिए जरूरी बताया और कहा कि सवाई माधोपुर के लोग सनातन को मजबूत करने में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. यह यात्रा भारत के गौरव और विकास का प्रतीक है, जो विश्व में देश का परचम लहरा रहा है.

बता दें कि कांवड़ यात्रा पुराने शहर के मुख्य बाजारों से होकर गुजरी. वाराणसी से आए कलाकारों ने शिव विवाह, शिव तांडव और शव यात्रा जैसी शिव लीलाओं का सजीव मंचन किया, जिसे देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो गए. जगह-जगह लोगों ने पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया और जलपान की व्यवस्था की. यात्रा खंडार तिराहे, ठठेरा कुंड होते हुए राजबाग पहुंची, जहां शिव विवाह का मंचन हुआ.

एसएचके/केआर