वडोदरा, 6 मार्च . यह क्रिकेट की वीरगाथाओं दर्ज एक ऐसी लड़ाई थी- जिसने फैन्स की पीढ़ियों को रोमांचित किया है, और बुधवार को वडोदरा के बड़ौदा क्रिकेट स्टेडियम में फ्लडलाइट्स के नीचे यह एक बार फिर सामने आया, जहां फैन्स ने ऑस्ट्रेलिया मास्टर्स की जोड़ी शेन वॉटसन और बेन डंक और फिर इंडिया मास्टर्स के लिए सचिन तेंदुलकर की शानदार मास्टरक्लास का आनंद लिया. सचिन की पारी हालांकि व्यर्थ गई और ऑस्ट्रेलिया मास्टर्स ने इंटरनेशनल मास्टर्स लीग, 2025 में अपनी पहली जीत हासिल कर ली.
इस यादगार मैच में तेंदुलकर ने शारजाह में हुए डेजर्ट स्टॉर्म की यादें ताजा कर दीं. उन्होंने 33 गेंदों में 64 रनों की शानदार पारी खेली, जिससे इंडिया मास्टर्स के लिए रन चेज के लिए एकदम सही माहौल तैयार हो गया. तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण का निर्भीक तरीके से सामना करते हुए, अपने बेहतरीन लेट कट और तेज स्ट्रेट ड्राइव का भरपूर प्रदर्शन किया और मात्र 27 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया. उन्होंने प्रशंसकों को याद दिलाया कि वे भारतीय क्रिकेट की धड़कन क्यों हैं.
दूसरे छोर पर अपने साथी खिलाड़ियों को खोने के बावजूद, तेंदुलकर ने अकेले संघर्ष किया और चार छक्के और सात चौके लगाकर इंडिया मास्टर्स को पारी के मध्य में 100/3 पर पहुंचा दिया. इस तरह दर्शकों को रोमांचित कर दिया, जो तब हैरान रह गए जब डेनियल क्रिश्चियन की गेंद पर जेवियर डोहर्टी ने उनका कैच लपका. उनके जाने के बाद, यूसुफ पठान ने 15 गेंदों में 25 रन बनाकर इंडिया मास्टर्स के लिए लगातार चौथी जीत की उम्मीद जगाई, जो पहले ही नॉकआउट में जगह पक्की कर चुके हैं.
लेकिन आवश्यक गति बढ़ने और बाकी बल्लेबाजों से शुरू से ही तेजी से रन बनाने की उम्मीद के कारण, यह एक बड़ी चुनौती साबित हुई और इंडिया मास्टर्स अंततः 95 रन से हार गए. ऑस्ट्रेलिया के लिए बाएं हाथ के गेंदबाज डोहर्टी (5/25) ने टूर्नामेंट में पहले पांच विकेट चटकाते हुए गेंदबाजों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया.
इससे पहले, डंक और वॉटसन ने शानदार अंदाज में 236 रनों की नाबाद साझेदारी की, जो दूसरे विकेट के लिए टी20 क्रिकेट में सबसे बड़ी साझेदारी है. वॉटसन, जिन्हें विकेटकीपर नमन ओझा द्वारा कैच छोड़ने के बाद एक रन पर जीवनदान मिला था, ने टूर्नामेंट में अपना दूसरा शतक बनाकर इंडिया मास्टर्स को जीवनदान देने का अनचाहा तोहफा दिया. इसके चार गेंद बाद डंक ने भी तीन अंकों का आंकड़ा छू लिया, जिससे घरेलू टीम पर और मुसीबतें बढ़ गईं.
शानदार मुकाबले में रोमांच की कोई कमी नहीं थी क्योंकि शॉन मार्श ने वॉटसन के कैच छोड़े जाने के बाद विनय कुमार की गेंद पर बाउंड्री की हैट्रिक लगाई. अपनी पहली जीत की तलाश में अभी भी भटक रही ऑस्ट्रेलियाई टीम की इस जोड़ी ने फील्ड प्रतिबंधों का पूरा फायदा उठाया और पहले तीन ओवरों में 28 रन बनाए, लेकिन लेग स्पिनर राहुल शर्मा के आने से रनों का प्रवाह रुक गया.
दक्षिण अफ्रीका मास्टर्स के खिलाफ पिछले मैच में हैट्रिक लेने वाले शर्मा ने ऑस्ट्रेलियाई जोड़ी को मुश्किल से ही मौका दिया और इस दबाव में बाएं हाथ के स्पिनर पवन नेगी ने घरेलू टीम के लिए पहली सफलता हासिल की. उन्होंने मार्श को आउट किया. मार्श ने 15 गेंदों में चार चौकों की मदद से 22 रन बनाए. यह आखिरकार इंडिया मास्टर्स की टीम के लिए मैदान पर एक निराशाजनक दिन में यादगार पल साबित हुआ.
नंबर-3 पर आए डंक ने मिडविकेट पर एक जोरदार छक्का लगाकर अपना खाता खोला और इंडिया मास्टर्स के लिए मुश्किलें खड़ी करना जारी रखा. उन्होंने वॉटसन के साथ मिलकर विशाल स्कोर के लिए माहौल तय की. 37 वर्षीय डंक ने जल्द ही अपने कप्तान को पछाड़ दिया और सिर्फ 23 गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया. इस दौरान वॉटसन ने बैकसीट पर बैठना पसंद किया और फिर बल्ले का मुंह खोलते हुए शर्मा की गेंदों पर लगातार छक्कों की मदद से 29 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया.
अपने सुनहरे दिनों की यादों को ताजा करते हुए, ऑस्ट्रेलियाई जोड़ी ने ज्यादातर चौके और छक्के लगाए और महज आठ ओवरों में दूसरे विकेट की साझेदारी सौ रनों की कर दी. अपनी पारी के दौरान किसी भी समय ऐसा नहीं लगा कि वॉटसन और डंक अपने बेहतरीन फॉर्म से बाहर हो चुके हैं. वॉटसन ने 47 गेंदों में 100 रन बनाए. डंक ने हालांकि अपने कप्तान को पीछे छोड़ते हुए 43 गेंदों में शतक जड़ा – जो टूर्नामेंट का सबसे तेज शतक था. अंत में, यह जोड़ी अपराजित लौटी और वॉटसन ने 52 गेंदों में 12 चौकों और सात गगनचुम्बी छक्कों की मदद से 110 रन बनाए, जबकि डंक ने 53 गेंदों में 132 रन की शानदार पारी खेली, जिसमें 12 चौके और 10 गगनचुम्बी छक्के शामिल थे.
संक्षिप्त स्कोर : ऑस्ट्रेलिया मास्टर्स 269/1 (शेन वॉटसन 110 नाबाद, बेन डंक 132 नाबाद) ने इंडिया मास्टर्स 174 (सचिन तेंदुलकर 64, यूसुफ पठान 25; जेवियर डोहर्टी 5/25) को 95 रनों से हराया.
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आरआर/