Mumbai , 28 जुलाई . कांग्रेस नेता सचिन सांवत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर केंद्र Government पर करारा हमला बोला है. उन्होंने संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर हो रही चर्चा का समर्थन करते हुए कहा कि यह देशहित में है.
उन्होंने से बात करते हुए कहा कि यह चर्चा देशहित में जरूरी है, क्योंकि देश पर हमला हुआ है. पहलगाम हमले में 26 लोगों की जान गई है. इसके बावजूद India Government ने संसद में चर्चा कराने में देरी क्यों की, यह सबसे बड़ा सवाल है. जब पूरा विपक्ष Government के साथ था, तब Pakistan को सबक क्यों नहीं सिखाया गया? जो Government कह रही थी कि हमें Pakistan अधिकृत कश्मीर चाहिए, उसने पीछे हटकर कार्रवाई क्यों रोक दी?
उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा आवश्यक है, क्योंकि यह Pakistan द्वारा India पर हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी. सभी विपक्षी दलों ने Government को समर्थन दिया था. लेकिन, समर्थन के साथ सवाल पूछने का हक भी विपक्ष को है. इस मुद्दे पर देशहित में चर्चा जरूरी है.
उन्होंने आगे कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा जरूरी है. लेकिन, अभी तक Prime Minister ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. पहलगाम हमले से पहले आतंकियों का दो सौ किलोमीटर भीतर घुस आना, यह गंभीर सवाल खड़ा करता है. अगर Pakistan के आतंकी मूर्ख थे तो इतने अंदर तक कैसे पहुंचे? 26 लोगों की मौत के सौ दिन बाद भी दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई है. Government को पारदर्शिता के साथ जवाब देना चाहिए.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि हमें फिर से सोने की चिड़िया नहीं बनना है, बल्कि हमको शेर बनना है. दुनिया शक्ति की ही बात समझती है और शक्ति संपन्न India होना चाहिए. मोहन भागवत के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सचिन सांवत ने कहा कि सिर्फ बयान देने या शाखाओं में लाठी घुमाने से कोई ‘शेर’ नहीं बनता.
उन्होंने कहा कि वास्तव में हिम्मत है तो आरएसएस के लोगों को सेना में भेजा जाए और Pakistan के खिलाफ लड़ने को कहा जाए. ऐसे बेतुके बयान देकर वीरता सिद्ध नहीं होती, इसके लिए इंदिरा गांधी जैसी हिम्मत चाहिए, जिन्होंने Pakistan के दो टुकड़े किए थे. आज अगर ट्रंप जैसे नेता सीजफायर कहें और Government चुपचाप मान जाए, तो वह वीरता नहीं, कमजोरी है. सच्चा शौर्य साहस और निर्णय से आता है, सिर्फ शब्दों से नहीं.
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एकेएस/एबीएम