नई दिल्ली, 3 अक्टूबर . वेस्टइंडीज़ के ऑलराउंडर आंद्रे रसेल ने इंस्टाग्राम पर किए गए एक पोस्ट के माध्यम से कहा है कि सीपीएल के एलिमिनेटर मुक़ाबले में उनकी टीम ट्रिनबैगो नाइटराइडर्स की टीम के साथ जो हुआ, उससे वह ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. रसेल के अनुसार ख़राब फ्लडलाइट के कारण जो परिस्थितियां उभरी, उसके कारण उनकी टीम को हार का सामना करना पड़ा. रसेल ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में कई कड़े शब्दों का प्रयोग किया, जिसमें उनका गुस्सा साफ़ झलक रहा था.
इस मुक़ाबले में नाइटराइडर्स की टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करने का फ़ैसला लिया था और 19.1 ओवर में वह तीन विकेट के नुक़सान पर 168 रन बना लिए थे. उसके बाद मैदान के छह में से तीन फ्लडलाइट्स ख़राब हो गईं. इसके कारण खिलाड़ियों को मैदान छोड़कर बाहर जाना पड़ा, जब यह सब हुआ, उस समय रात के 8.58 बजे थे. इसके बाद फ्लटलाइट्स को ठीक करने में अच्छा-ख़ासा समय लग गया. पांच ओवर के मैच के कट ऑफ़ टाइम से ठीक पांच मिनट पहले 10.51 बजे मैच एक बार फिर से शुरू किया गया.
मैच अधिकारियों ने इस परिस्थिति को ख़राब रोशनी या बारिश के दौरान की तरह मानते हुए डीएलएस पद्धति के तहत लक्ष्य को संशोधित किया और रॉयल्स को क्वालिफ़ायर 2 में पहुंचने के लिए पांच ओवरों में 60 रन बनाने का लक्ष्य दिया. दक्षिण अफ़्रीकी पावर-हिटर डेविड मिलर ने बिना किसी कठिनाई के 17 गेंदों में नाबाद 50 रन बनाते हुए, लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया.
जब फ्लडलाइट में ख़राबी आई तो रसेल 20 के निजी स्कोर पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, “मैं वह व्यक्ति नहीं हूं जो इंटरनेट पर आकर अपनी राय व्यक्त करे, लेकिन इस साल के सीपीएल में मुझे ठगा हुआ महसूस हो रहा है. ये लाइट्स की स्थिति *** थी, और लाइट्स कट-ऑफ़ समय से ठीक पहले आनी भी *** थी और फिर 30 गेंदों में 60 रनों का लक्ष्य भी एक बड़ी *** थी.”
नाइटराइडर्स के कप्तान कीरोन पोलार्ड ने अपनी टीम के टूर्नामेंट से बाहर होने के बावजूद संयमित प्रतिक्रिया दी. मैच के बाद की प्रस्तुति में बात करते हुए पोलार्ड ने कहा कि अंपायरों ने टीमों को न्यूनतम ओवरों, कट-ऑफ़ समय और इस स्थिति में क्या होगा, इसकी जानकारी दी थी. साथ ही यह भी बताया था कि अगर लाइट्स वापस नहीं आती है तो क्या होगा. अगर फ्लडलाइट्स वापस नहीं आतीं, तो नाइट राइडर्स की टीम अंक तालिका में अपनी बेहतर स्थिति के आधार पर अगले चरण में पहुंच जाती.
पोलार्ड ने कहा कि कम रोशनी में खेल को फिर से शुरू करने का विकल्प भी चर्चा में था, लेकिन सभी ने सहमति व्यक्त की कि ऐसा करना “ख़तरनाक” होगा. इसलिए अंत में, मैदान के कर्मचारियों और ज़िम्मेदार लोगों ने खेल को चालू रखने के लिए वह किया जो उन्हें करना था.
गयाना के संस्कृति, युवा और खेल मंत्रालय ने गयाना पावर एंड लाइट इंक के साथ एक सार्वजनिक बयान जारी किया, जिसमें बताया गया कि जब दो फ्लडलाइट्स को ठीक किया गया था, तब तीसरे फ्लडलाइट को बिजली प्रदान करने वाले अंडरग्राउंड केबल में “तकनीकी ख़राबी” को ठीक करने में समय लग गया. समझा जाता है कि भूमिगत केबल जल गई थी और उसे बाद में बदला गया.
संयुक्त बयान में कहा गया, “19वें ओवर के दौरान एक जनरेटर द्वारा संचालित तीन (3) फ्लडलाइट्स की बिजली चली गई, जिससे मैच में व्यवधान पैदा हुआ. जीपीएल की तकनीकी टीम ने तुरंत मदद देना शुरू किया और उसी सर्किट पर दो फ्लडलाइट्स की बिजली बहाल कर दी.”
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