Mumbai , 30 जुलाई . अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी विरोधी दिवस के अवसर पर महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने मानव तस्करी और लापता मामलों पर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने से बातचीत में बताया कि पिछले तीन साल से आयोग इस मुद्दे पर जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है, जिसमें प्रगति देखने को मिल रही है.
रूपाली चाकणकर ने कहा, “आज का दिन हमारे लिए खास है क्योंकि कई मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. यह साबित करता है कि इस संवेदनशील विषय पर जागरूकता बढ़ रही है. लापता मामलों को लेकर आयोग का मिसिंग यूनिट काम करता है, लेकिन अगर चार महीने में किसी लापता व्यक्ति का पता नहीं चलता, तो अक्सर उसे मानव तस्करी का शिकार बना लिया जाता है. कई महिलाओं और लड़कियों को मस्कट, ओमान, दुबई जैसे देशों से महाराष्ट्र और भारत में लाया जाता है.”
उन्होंने कहा कि लापता मामलों और मानव तस्करी की जानकारी जुटाने में समय लगता है. जागरूकता ही इसका समाधान है. बीच मार्शल दामिनी और पुलिस यूनिट जैसे संगठन इस दिशा में काम कर रहे हैं. पूरे महाराष्ट्र से पुलिसकर्मी इस कार्यक्रम में शामिल हुए, जो जागरूकता को आसान बना रहा है. उन्होंने स्कूल, कॉलेज के छात्रों और अभिभावकों को जागरूक करने पर जोर दिया.
कार्यक्रम में कई मंत्री और पैनलिस्ट शामिल हुए. राज्य के महिला एवं बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने भी हिस्सा लिया, जो इस मुद्दे पर काम करने में अहम भूमिका निभाती है.
चाकणकर ने कहा, “हमने शासन को एक रिपोर्ट सौंपने की तैयारी की है, जिसमें जागरूकता बढ़ाने के सुझाव शामिल हैं. आगे के लिए योजना बनाई गई है, जिसमें हर लड़की, हर परिवार और हर समुदाय तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है. स्कूलों, कॉलेजों और अभिभावकों तक जागरूकता पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. हमें यह समझाना है कि लापता होने के बाद मानव तस्करी का जाल कैसे फैलता है और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए.”
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एसएचके/एबीएम