जाग्रेब, 30 दिसंबर . दक्षिण-पूर्व यूरोपीय देश क्रोएशिया में राष्ट्रपति चुनाव में किसी उम्मीदवार को स्पष्ट बहुमत न मिलने के बाद अब 12 जनवरी को रनऑफ के जरिये फैसला होगा. इन चुनावों में किसी भी उम्मीदवार को जीतने के लिए जरूरी 50 प्रतिशत वोट नहीं मिले थे. यह घोषणा क्रोएशिया के चुनाव आयोग ने सोमवार को की.
देश में अब तक 99.88 प्रतिशत मतों की गिनती हो चुकी है. मौजूदा राष्ट्रपति जोरान मिलनोविक, जिन्हें सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन प्राप्त है, 49.10 प्रतिशत मतों के साथ पहले स्थान पर हैं, लेकिन वह पहले दौर में जीतने में विफल रहे. उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी, सत्तारूढ़ क्रोएशियाई डेमोक्रेटिक यूनियन के ड्रैगन प्रिमोरैक को 19.35 प्रतिशत मत मिले हैं.
क्रोएशियाई चुनाव कानून के अनुसार, यदि कोई भी उम्मीदवार पूर्ण बहुमत नहीं प्राप्त करता, तो शीर्ष दो दावेदार रनऑफ के लिए दो सप्ताह बाद फिर से प्रतिस्पर्धा करते हैं.
मिलनोविक ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, “मुझे विश्वास है कि दो सप्ताह में हम जीत का जश्न मनाएंगे.” वहीं, प्रिमोरैक ने इसे “एक शानदार अवसर” बताते हुए कहा, “यह एक ऐतिहासिक दिन होगा जब हम दोनों आमने-सामने होंगे.”
क्रोएशिया में राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच साल का होता है और कोई व्यक्ति लगातार अधिकतम दो बार राष्ट्रपति बन सकता है. हालांकि यह पद मुख्य रूप से औपचारिक होता है, लेकिन निर्वाचित राष्ट्रपति के पास राजनीतिक शक्ति होती है. वह सेना के सर्वोच्च कमांडर के रूप में भी कार्य करता है.
मिलनोविक ने यूक्रेन के लिए नाटो और यूरोपीय संघ के समर्थन की आलोचना की है. उनका मानना है कि क्रोएशिया को तटस्थ रहना चाहिए और वह अंतर्राष्ट्रीय संघर्षों में शामिल होने से बचने की वकालत करते हैं. इसके अलावा, उन्होंने यूक्रेन के लिए नाटो की प्रशिक्षण पहल में क्रोएशिया की भागीदारी को भी रोका है.
दूसरी ओर, प्रिमोरैक ने कहा है कि क्रोएशिया का स्थान पश्चिम में है, न कि पूर्व में.
मिलनोविक का चुनाव अभियान भ्रष्टाचार के एक बड़े आरोप से प्रभावित रहा है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले महीने क्रोएशिया के स्वास्थ्य मंत्री को जेल जाना पड़ा था. यह मामला चुनाव पूर्व चर्चाओं का मुख्य मुद्दा रहा था.
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पीएसएम/एकेजे