झारखंड में आउटसोर्सिंग की नियुक्तियों में भी आरक्षण, कैबिनेट से नियमावली मंजूर

रांची, 22 मई . मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित झारखंड कैबिनेट की बैठक में सरकारी कार्यालयों और उपक्रमों में आउटसोर्सिंग के आधार पर नियुक्ति, वेतनमान और उनकी सेवा शर्तों को लेकर मैन्युअल (नियमावली) के गठन को मंजूरी दी गई है.

ऐसे कर्मियों की नियुक्ति अब कम से कम 5 साल के लिए की जाएगी. इसके बाद उन्हें तीन साल का सेवा विस्तार दिया जा सकेगा. नियुक्ति में आरक्षण के नियमों का पालन किया जाएगा.

आउटसोर्स सर्विस प्रोवाइडर के लिए यह अनिवार्य होगा कि वे सभी कर्मियों को एक न्यूनतम वेतनमान देना सुनिश्चित करें. आउटसोर्स कर्मियों को प्रतिवर्ष तीन प्रतिशत की वेतनवृद्धि और 4 लाख रुपए तक के एक्सीडेंटल ग्रुप इंश्योरेंस का भी लाभ देय होगा. उनकी समस्याओं के समाधान के लिए एक ग्रिवांस सेल भी गठित किया जाएगा.

कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने बताया कि बैठक में कुल 10 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है. एक महत्वपूर्ण फैसले के अनुसार, राज्य में जल संसाधन आयोग का गठन किया जाएगा. इस आयोग के पास राज्य के सभी रिवर बेसिन में पानी की अद्यतन उपलब्धता, इसके विकास, बहुआयामी उपयोग और कुशल प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी. इस आयोग का कार्यकाल दो वर्ष होगा.

झारखंड में संचालित गैर सरकारी मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालय, मदरसा और संस्कृत विद्यालय के नौवीं और दसवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तक एवं कॉपी उपलब्ध कराई जाएगी. इसमें प्रतिवर्ष 4.84 करोड़ रुपए खर्च होंगे और इस निर्णय से 41,755 छात्र-छात्रा लाभान्वित होंगे.

एक अन्य फैसले के अनुसार, सरकारी विद्यालयों में नौवीं से 12वीं तक के छात्रों के बीच वितरण के लिए विज्ञान पत्रिका प्रकाशित की जाएगी. इसी तरह 11वीं-12वीं कक्षा के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मासिक पत्रिकाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

चतरा जिले के इटखोरी प्रखंड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन के निर्माण के लिए 22 लाख रुपए की राशि आवंटित करने की मंजूरी दी गई है.

एसएनसी/एबीएम