हल्द्वानी, 8 सितंबर . Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में केंद्र सरकार की 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने में कई जनकल्याणकारी योजनाओं की भागीदारी है. ‘Prime Minister रोजगार सृजन योजना’ (पीएमईजीपी) इन्हीं में से एक है, जिसके अंतर्गत युवाओं को लघु एवं सूक्ष्म उद्योग स्थापित करने के लिए सब्सिडी मुहैया कराई जाती है. उत्तराखंड के हल्द्वानी की रूबी भटनागर इस योजना से लाभान्वित हो रही हैं.
पीएमईजीपी के तहत हल्द्वानी की रहने वाली रूबी भटनागर आत्मनिर्भर भारत अभियान को न केवल बढ़ावा दे रही हैं, बल्कि स्वदेशी हैंडलूम योजना को मॉडल के रूप में प्रस्तुत कर रही हैं. अपने हुनर के दम पर न केवल स्वरोजगार से जुड़ी हैं, बल्कि उन्होंने उत्तराखंड के तीन जिलों में अपना नेटवर्क खड़ा कर दिया है, जहां करीब तीन हजार से अधिक महिलाओं को रोजगार से जोड़ा गया है.
रूबी ने पीएमईजीपी के तहत जिला उद्योग से हस्तशिल्प कुटीर उद्योग शुरू करने के लिए Prime Minister स्वरोजगार योजना के तहत 10 लाख का ऋण लिया, जहां जूट के बैग के साथ आकर्षक डिजाइन के वस्त्र, खिलौने, हैंडीक्राफ्ट व सजावटी सामान बना रहे हैं. कार्यकुशल बनने के लिए उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों के कई कार्यक्रमों में भाग लिया, जहां उन्होंने हस्तशिल्प की नई-नई विधाओं को सीखा.
रूबी ने मेहनत के दम पर आगे बढ़ते हुए महिला सहायता समूह के माध्यम से अपने कारोबार को नैनीताल, उधमसिंह नगर और चंपावत जिले में भी शुरू कर दिया है, जहां समूह से करीब तीन हजार से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई हैं. उन्होंने कहा कि Prime Minister की स्वरोजगार योजना का महिलाओं को लाभ लेना चाहिए और स्वरोजगार के साथ आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देना चाहिए.
समूह की महिला हेमा विष्ट ने से खास बातचीत में बताया कि मैं करीब 20 साल से महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हूं. समूह के माध्यम से प्रशिक्षण लिया. संस्था की अध्यक्ष रूबी भटनागर के नेतृत्व में पहले 10 महिलाओं का समूह शुरू किया. पीएमईजीपी के तहत 10 लाख का लोन लेकर जूट यूनिट का काम शुरू किया. इसके बाद कई उत्पाद और जोड़े गए. तीन जिलों में समूह की महिलाएं काम कर रही हैं. इस योजना का लाभ लेकर हम महिलाएं स्वावलंबी बन गई हैं. इसके लिए Prime Minister मोदी का बहुत आभार.
समूह की महिला किरण ने बताया कि मैं पांच साल पहले घर में रहती थी, कोई काम नहीं करती थी. समूह से जुड़ने के बाद प्रशिक्षण लिया और अब आत्मनिर्भर बन गई हूं.
संस्था की अध्यक्ष रूबी भटनागर ने बताया कि वह ग्रेजुएट होने के बाद पांच साल गृहिणी थीं. एक स्कीम के तहत प्रशिक्षण लिया और पीएमईजीपी के तहत 10 लाख रुपए का लोन लेकर जूट यूनिट खोली. इसके बाद उन्होंने आउटलेट खोला. इस दौरान विभिन्न जिलों से जुड़ी करीब चार हजार महिलाओं को समूह से जोड़ा. मैंने खुद को स्वावलंबी बनाने के साथ ही अन्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में सहयोग किया. इस योजना का लाभ लेकर आर्थिक रूप से मजबूत हुईं. इस योजना के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद.
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एएसएच/डीकेपी