मुंबई, 15 मार्च . महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद हुसैन दलवाई ने शनिवार को न्यूज एजेंसी से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने तुषार गांधी, असदुद्दीन ओवैसी और संजय राउत के हालिया बयानों पर अपनी प्रतिक्रिया दी. इसके अलावा, औरंगजेब की तारीफ करने के लिए उन्होंने सपा नेता अबू आजमी को नसीहत दी.
हुसैन दलवाई ने तुषार गांधी के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने आरएसएस को ‘कैंसर’ कहा था. दलवाई ने कहा कि तुषार गांधी ने जो कहा, वह सही कहा है. मैं पहले भी कह चुका हूं और आज भी कहता हूं कि आरएसएस एक आतंकवादी संगठन है. उसकी शाखाओं में गलत बातें सिखाई जाती हैं. तुषार गांधी ने कोई गलत नहीं बोला है. उन्होंने आगे कहा कि तुषार गांधी की जान को खतरा है और सरकार को उन्हें सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए. यह सरकार का कर्तव्य है कि वह तुषार गांधी के परिवार की रक्षा करे, क्योंकि गांधी जी के खिलाफ हिंसा की कोशिशें जारी हैं.
वक्फ संशोधन बिल पर असदुदीन औवासी के बयान का हुसैन दलवाई ने समर्थन किया. उन्होंने कहा कि यह बिल इसलिए लाया जा रहा है ताकि मुसलमानों से उनकी मस्जिदें और संपत्ति छीन ली जाए. इस बिल के माध्यम से सरकार मुसलमानों की भूमि और संपत्ति हड़पना चाहती है. कई विरोधी पार्टियों ने इस बिल का विरोध किया है. इंडिया गठबंधन भी इसके खिलाफ है. हम इस बिल का विरोध करते हैं.
वहीं, वीर सावरकर को लेकर दलवाई ने कहा कि यह सही है कि वीर सावरकर ने छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में कई गलत बातें लिखी थीं और उनके बारे में गलत टिप्पणियां की थीं. इसके अलावा, उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में भी नकारात्मक बातें कहीं थीं. जब नेहरू जी को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने सावरकर की किताबों को हटवा दिया. लेकिन अब देवेंद्र फडणवीस क्यों नहीं वही काम कर रहे हैं? आरएसएस के लोग छत्रपति शिवाजी महाराज को राजा नहीं मानते थे, बल्कि पेशेवर मानते थे. यह अत्यंत शर्मनाक है.
संजय राउत के औरंगजेब से संबंधित बयान पर हुसैन दलवाई ने भी अपनी सहमति दी. राउत ने बीजेपी सरकार की तुलना औरंगजेब से करते हुए कहा था कि मौजूदा शासन उससे भी बदतर है. इस पर हुसैन दलवाई ने कहा कि औरंगजेब का शासन क्रूर था, लेकिन बीजेपी का शासन उससे भी खराब है. बीजेपी मनमानी करती है और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन करती है.
इसके अलावा, औरंगजेब की तारीफ करने के लिए उन्होंने सपा नेता अबू आजमी की कड़ी आलोचना की. उन्होंने अबू आजमी को औरंगजेब की तारीफ न करने की सलाह देते हुए कहा कि औरंगजेब एक क्रूर शासक था और हमें उसकी तारीफ नहीं करनी चाहिए. अबू आजमी को इतिहास पढ़ने की जरूरत है.
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पीएसके/