चंडीगढ़, 8 अक्टूबर . Haryana के स्कूलों में भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा सकता है. राज्य के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा का कहना है कि अगर ऐसे संगठन के बारे में बच्चों को पढ़ाने की बात है, तो यह इस देश का सौभाग्य है.
शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा से दिल्ली Government के फैसले के बाद Haryana में भी आरएसएस को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की तैयारियों के बारे में सवाल किया गया था.
उन्होंने से बातचीत में कहा, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) एक गैर-Political संगठन है. यह एक ऐसा संगठन है, जो काम करता है, वह दुनिया में कोई नहीं करता है. आरएसएस ‘व्यक्ति निर्माण’ का कार्य करता है.”
उन्होंने आगे कहा, “व्यक्ति निर्माण का यह काम बेहद कठिन और अलग है. जो व्यक्ति परिपूर्ण हो जाए या इसकी तरफ चल पड़े व राष्ट्र के प्रति समर्पित भाव को लेकर जीवन को जिए, ऐसे संगठन व ऐसे तैयार किए गए लोग देश और समाज के लिए प्रेरणा का काम करते हैं.”
इससे पहले, दिल्ली के Governmentी स्कूलों के छात्रों को जल्द ही एक नए शिक्षा कार्यक्रम ‘राष्ट्रनीति’ के तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बारे में पढ़ाए जाने की घोषणा की गई. यह घोषणा दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने की.
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने Tuesday को कहा कि दिल्ली Government के स्कूलों में छात्रों को जल्द ही प्रशासन के नए नागरिक शिक्षा कार्यक्रम ‘राष्ट्रनीति’ के तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और अन्य स्वैच्छिक संगठनों और स्वतंत्रता सेनानियों पर पाठ मिलने की संभावना है.
आशीष सूद ने पिछले हफ्ते एक बयान में कहा कि स्कूलों में विनायक दामोदर सावरकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और सरदार वल्लभभाई पटेल के साथ-साथ स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पाठ शामिल होंगे.
उन्होंने कहा, “छात्रों में नागरिक और सामाजिक चेतना पैदा करने के अलावा मौलिक कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कार्यक्रम के तहत आरएसएस पर अध्याय जोड़ा जा रहा है.”
यह घोषणा उस समय की गई, जब हाल ही में आरएसएस का शताब्दी वर्ष पूरा हुआ है.
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डीसीएच/एबीएम