मुंबई, 20 दिसंबर . मंदिर-मस्जिद मामले पर आरएसएस चीफ मोहन भागवत के बयान पर कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कहा है कि उनके बयान का समर्थन करने का सवाल नहीं है. उन्होंने जो बोला है वह ठीक है. लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि लोगों के साथ मारपीट की जाती है. बुलडोजर की कार्रवाई होती है, तब आरएसएस के लोग क्या करते हैं. जहां इस तरह का अन्याय होता है, क्या वह वहां जाते हैं. मोहन भागवत क्या वहां जाकर कहते हैं कि यह सब गलत हो रहा है. आरएसएस चीफ को यह बताना चाहिए कि हिंदुत्व क्या है और वह कौन सा हिंदुत्व मानते हैं.
मंदिर-मस्जिद के नाम पर मॉब लिंचिंग करने वाले लोग आरएसएस को मानने वाले हैं. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो आरएसएस के ही हैं. मैं समझता हूं कि इस देश को सेक्युलर के तौर पर चलना चाहिए. मंदिर-मस्जिद पर बांटने का काम सरकार क्यों कर रही है.
आरएसएस पर कांग्रेस नेता ने कहा है कि आरएसएस की शाखा में चार चीजें सिखाई जाती हैं. झूठ बोलकर लोगों को फंसाने का काम किया जाता है. दूसरे समाज से घृणा करना भी शाखा में सिखाया जाता है. शाखा में हिंसा करना भी सिखाया जाता है. मैं मोहन भागवत से अपील करूंगा कि वह शाखा में बदलाव लाएं. शाखा में चौथी बात सिखाई जाती है कि हिंदुत्व के नाम पर राष्ट्रवाद की बात करें. यह चारों बातें गलत हैं और इस देश को तोड़ने वाली बातें हैं. महिलाओं को शाखा में क्यों नहीं लिया जाता है. मुसलमान, ईसाइयों को शाखा में क्यों नहीं लिया जाता है. शाखा का ढांचा बदलेंगे, तब मैं उन पर विश्वास करूंगा.
बता दें कि मोहन भागवत ने कहा है कि कुछ लोग हिंदुओं का नेता बनने की कोशिश कर रहे हैं, इसी मंशा से मंदिर-मस्जिद जैसे विवादों को हवा दिया जा रहा है. मोहन भागवत ने हिंदूवादी नेताओं को नसीहत देते हुए कहा था कि राम मंदिर जैसे मुद्दों को कहीं और न उठाएं. अयोध्या में राम मंदिर बन जाने के बाद कुछ लोग ऐसे मुद्दों को उछाल कर खुद को हिंदुओं का नेता साबित करने की कोशिश में लगे हैं.
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डीकेएम/