1984 के सिख विरोधी दंगे: सज्जन कुमार के खिलाफ मामले में आज अंतिम दलीलें सुनेगा राउज एवेन्यू कोर्ट

New Delhi, 29 अक्टूबर . 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में दिल्ली के राउस एवेन्यू कोर्ट ने आरोपी सज्जन कुमार के खिलाफ चल रहे केस की सुनवाई पूरी कर ली है. ये मामला जनकपुरी और विकासपुरी इलाकों में हुई हिंसा का है. Wednesday को कोर्ट दोनों पक्षों की आखिरी दलीलों को सुनेगा.

7 जुलाई को सज्जन कुमार ने अदालत में खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि उन्होंने कभी भी इस तरह के अपराध नहीं किए और उनके खिलाफ कोई सबूत भी नहीं है. इससे पहले, 9 नवंबर 2023 को इस केस की पीड़िता मंजीत कौर ने अपना बयान कोर्ट में दर्ज कराया था.

सज्जन कुमार उस समय सांसद थे जब दंगे हुए थे. उन पर आरोप है कि उन्होंने भीड़ को सिख समुदाय के लोगों को मारने के लिए उकसाया.

1984 के सिख विरोधी दंगे तब शुरू हुए जब तत्कालीन Prime Minister इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षक द्वारा हत्या कर दी गई. इसके पीछे कारण यह था कि इंदिरा गांधी ने उस साल पहले स्वर्ण मंदिर में छिपे आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए भारतीय सेना को भेजने का फैसला किया था. इस फैसले से सिख समुदाय में आक्रोश था.

Prime Minister की हत्या के बाद, कई लोग सिखों को निशाना बनाने लगे. खासकर दिल्ली में बड़ी संख्या में आगजनी और हत्याएं हुईं. ये दंगे पूरे देश में फैल गए और 3,000 से अधिक सिखों की जानें गईं. सबसे ज्यादा हिंसा और मौतें दिल्ली में हुईं, जहां 2,700 से ज्यादा लोग मारे गए.

तीन दशकों तक कई बड़े नेताओं पर दंगों में शामिल होने के आरोप लगे, लेकिन उन्हें सजा नहीं हुई. हालांकि, यह स्थिति बदल गई जब दिल्ली हाई कोर्ट ने सज्जन कुमार को दोषी ठहराया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई. उनके वकील ने बताया कि सज्जन कुमार इस फैसले को Supreme court में चुनौती देंगे.

सज्जन कुमार पर कई मामले दर्ज हैं. इनमें से एक केस दिल्ली में पांच लोगों के परिवार की हत्या से जुड़ा है. वर्तमान केस में उन पर आरोप है कि उन्होंने जनकपुरी में दो सिखों, सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की हत्या में भूमिका निभाई. इसके अलावा, उन पर विकासपुरी में गुरचरण सिंह को आग के हवाले करने का भी आरोप है.

राउज एवेन्यू कोर्ट में बयान देते समय 77 वर्षीय सज्जन कुमार ने कहा कि उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं और यह केस Political रूप से उनके खिलाफ बनाया गया है.

हिंसा की जांच के लिए गठित नानावटी आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में 587 First Information Report दंगों के सिलसिले में दर्ज हुई. इन दंगों में 2,733 लोग मारे गए. इनमें से लगभग 240 केस Police ने अज्ञात बताकर बंद कर दिए और 250 केसों में आरोपी बरी हो गए. केवल 28 केसों में दोषी पाए गए, जिनमें लगभग 400 लोग शामिल थे. इन लोगों में करीब 50 को हत्या के लिए सजा मिली, जिनमें सज्जन कुमार भी शामिल हैं.

सज्जन कुमार उस समय वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद थे. उन्हें दिल्ली के पालम कॉलोनी में 1 और 2 नवंबर 1984 को पांच लोगों की हत्या के एक और केस में भी दोषी ठहराया गया. दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई. इस सजा को चुनौती देने के लिए उनकी अपील अब Supreme court में लंबित है.

पीके/एएस