चंडीगढ़, 15 अप्रैल . लोकसभा चुनाव में चंडीगढ़ सीट पर कांग्रेस ने मनीष तिवारी को चुनावी मैदान में उतारा है, जिसके बाद पार्टी में मतभेद सामने आ रहे हैं. तिवारी को चुनावी मैदान में उतारे जाने के बाद एक या दो नहीं, बल्कि 36 नेताओं ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए आलाकमान को इस्तीफा सौंप दिया है.
बताया जा रहा है कि मनीश तिवारी को कांग्रेस द्वारा चुनावी मैदान में उतारे जाने के बाद पवन बंसल गुट खफा है. इसके बाद पार्टी में इस्तीफा देने की होड़ शुरू हो गई.
चुनावी मैदान में उतारे जाने के बाद मनीष तिवारी पहली दफा राजीव गांधी भवन पहुंचे. उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान विभिन्न मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी. ध्यान देने वाली बात यह है कि इस मौके पर पवन बंसल गुट का कोई भी नेता मौजूद नहीं था. इसे लेकर अब सियाली गलियारों में हलचल तेज हो गई है.
तिवारी ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि आज की तारीख में सबसे बड़ी लड़ाई लोकतंत्र बचाने की है. लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए हम सभी लोगों को एक साथ आना होगा और इस तानाशाही सरकार को मुंहतोड़ जवाब देना होगा.
उधर, पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि मोदी जी का विश्वास आज की तारीख में देश की जनता को क्षमता प्रदान करता है, क्योंकि आपने गौर किया गया होगा कि बीजेपी द्वारा जारी किए गए घोषणापत्र में किसी भी प्रकार के चुनावी रेवड़ी का जिक्र नहीं है. लोगों को विकसित करने की दिशा में हमारा मुख्य लक्ष्य है कि लोगों की क्षमता को कैसे बढ़ाया जाए? मुझे लगता है कि हर व्यक्ति के अंदर कोई ना कोई प्रतिभा है, हमारी कोशिश है कि उस प्रतिभा को निखारा जाए, ताकि वो देश की प्रगति में अपना योगदान दे सकें.
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