आईसीसी ट्रॉफी जीतकर रोहित ने अपना सबसे बड़ा सपना पूरा किया : लालचंद राजपूत

नई दिल्ली, 1 जुलाई . टीम इंडिया टी20 विश्व चैंपियन बन चुकी है. 29 जून, 2024 लोगों को हमेशा याद रहेगा. रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम इंडिया ने टी20 विश्व कप 2024 फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर भारत के 13 साल के सूखे को खत्म किया था.

युवा रोहित शर्मा का टी20 करियर का आगाज जितना शानदार रहा, उतना ही उनके टी20 करियर का अंत भी यादगार रहा. 2007 में युवा रोहित शर्मा विनिंग टी20 टीम का हिस्सा थे. अब बतौर कप्तान रोहित शर्मा ने 2024 में भारत के लिए दूसरा टी20 विश्व कप जीता और अपने करियर का शानदार अंत किया.

रोहित शर्मा की कप्तानी, एग्रेसिव माइंडसेट, आक्रामक बल्लेबाजी का हर कोई मुरीद है. भारत इस बार टूर्नामेंट में एक भी मैच हारे बिना टी20 विश्व कप जीतने वाली पहली टीम बन चुकी है.

टीम इंडिया की इस ऐतिहासिक जीत पर टी20 विश्व कप 2007 जीतने वाली भारतीय टीम के मैनेजर लालचंद राजपूत ने 2024 के विजयी अभियान, रोहित और विराट कोहली द्वारा छोड़ी गई विरासत, साथ ही इस जीत में जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पांड्या की भूमिका पर से खास बातचीत की.

साक्षात्कार की मुख्य बातें:

प्रश्न: इस टी20 विश्व कप जीत के बारे में आपके क्या विचार हैं और भारतीय क्रिकेट के लिए इसका क्या मतलब है?

उत्तर: हर कोई बहुत उत्साहित है और हमने लंबे समय के बाद फिर से कप जीता है, इसलिए यह बहुत रोमांचक है. पहली बार जब हमने 2007 में जीत हासिल की थी, तो यह बहुत मायने रखता था. उसके बाद आईपीएल शुरू हुआ और हम देख सकते हैं कि आईपीएल के ज़रिए बहुत सारे खिलाड़ी टी20 खेल रहे हैं. हमें बहुत अच्छी बेंच स्ट्रेंथ मिल रही है.

अगर आप हमारी टीम को देखें, तो हम दो या तीन टीमों को एक साथ तैयार कर सकते हैं. हमारी बेंच स्ट्रेंथ बहुत मजबूत हैं. इसलिए, यह विश्व कप जीत निश्चित रूप से युवा खिलाड़ियों को इस खेल को और ज़्यादा अपनाने के लिए प्रेरित करती है.

प्रश्न: रोहित शर्मा 2007 के संस्करण को जीतने वाली टीम के सदस्य थे और अब वह 2024 में विजेता कप्तान हैं. आप भारत के लिए ट्रॉफी के सूखे को खत्म करने और अब इस प्रारूप को अलविदा कहने की उनकी विरासत को कैसे देखते हैं?

उत्तर: रोहित के लिए यह एक लंबी यात्रा रही है. वह प्रतिभाशाली था और इसलिए हमने उसे 2007 में चुना था. उसने फाइनल में भी अच्छी पारी खेली, जहां वह 30 रन तक पहुंचा और विश्व कप जीतने का स्वाद चखा. इसलिए, इस बार वह एक कप्तान के रूप में जीतना चाहता था, जिसके लिए उसे उसका इनाम मिला. उसने जिस तरह का क्रिकेट खेला, वह बहुत महत्वपूर्ण था.

यहां तक ​​कि पिछले साल के वनडे विश्व कप में भी, जिस तरह से वह हर समय टीम को शुरुआत देता था और सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों का सामना करता था, उसकी वह विरासत हमेशा रहेगी. निकट भविष्य में किसी के लिए उसके जैसे महान खिलाड़ी की जगह भरना मुश्किल होगा. लेकिन निश्चित रूप से, समय के साथ रोहित की जगह कोई नया व्यक्ति आ सकता है.

प्रश्न: विराट कोहली ने भी भारत के लिए अपना आखिरी टी20 मैच खेला है, जिसमें वे फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच रहे. उनके बारे में और भारत के लिए सबसे छोटे प्रारूप में उनके प्रभाव के बारे में कुछ कहना चाहेंगे?

उत्तर: ईमानदारी से कहूं तो फाइनल को छोड़कर उनका टूर्नामेंट अच्छा नहीं रहा. लोग उनके स्ट्राइक रेट के बारे में बात करने लगे कि उन्हें टीम में होना चाहिए या नहीं और बाकी सब बातें. लेकिन वे हमारे अब तक के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक हैं.

वो एक बेहतरीन क्रिकेटर हैं और अगर आप भारतीय टीम को देखें, तो वे कप्तान रहते हुए टीम को फिर से खड़ा करने में सफल रहे.

प्रश्न: जसप्रीत बुमराह ने इस प्रतियोगिता में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बनकर शानदार प्रदर्शन किया है. आप उनके शानदार प्रदर्शन का मूल्यांकन कैसे करते हैं?

उत्तर: वह एक विश्वस्तरीय गेंदबाज हैं और जब भी बुमराह टीम में होते हैं, तो कप्तान निश्चिंत हो जाते हैं क्योंकि वह उन्हें कभी भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

जब वह फाइनल में वापस आए, तो उन्होंने अपने अंतिम ओवर में एक विकेट लिया और इससे अन्य बल्लेबाजों पर दबाव पड़ा. वह खेल में इतना अंतर पैदा करते हैं, यही वजह है कि वह प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने.

प्रश्न: अक्षर पटेल और शिवम दुबे ने भी फाइनल में बल्ले से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. खिताबी मुकाबले में उनके योगदान पर आपकी राय?

उत्तर: अक्षर को बाएं हाथ के स्पिनर तबरेज शम्सी और केशव महाराज का सामना करने के लिए भेजा गया था. उनके 47 रन बहुत महत्वपूर्ण थे क्योंकि उस समय स्पिनर गेंदबाजी कर रहे थे और तब हमने दो विकेट खो दिए थे.

शिवम दुबे हमेशा से ही गेंद को बहुत अच्छे से स्ट्राइक करते आए हैं और हमने उन्हें आईपीएल में भी देखा है. स्पिनरों के खिलाफ, वह अपनी बड़ी हिटिंग से टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाते हैं. उनके तूफानी 27 रन की पारी ने भारत को 150-160 से 177 रन तक पहुंचाया.

प्रश्न: राहुल द्रविड़ को अपने कोचिंग कार्यकाल से एक शानदार तरीके से विदा लेते देखना कितना सुखद रहा?

उत्तर: हर कोच एक शानदार तरीके से विदा लेना चाहता है और हम सभी राहुल द्रविड़ को जानते हैं कि एक खिलाड़ी और एक व्यक्ति के रूप में वह कितने समर्पित हैं. जब वह खेलते थे, तो वह भारतीय क्रिकेट की दीवार थे. अब एक कोच के रूप में वह इतने वर्षों से टीम के साथ हैं. वनडे विश्व कप से टीम बहुत कम अंतर से चूक गई, इसलिए यह जीत बेहद खास है.

यह जीत पूरी टीम इंडिया की है. चाहे हार्दिक पांड्या हों या अक्षर पटेल, हर किसी ने अपनी भूमिका निभाई.

एएमजे/