रोहित ने अश्विन और जडेजा का बचाव किया

पुणे, 27 अक्टूबर . 2012 के बाद से भारत की घरेलू सरज़मीं पर पहली सीरीज़ हार के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा दुःखी तो हैं, लेकिन इसका ठीकरा अपने खिलाड़ियों पर नहीं फोड़ना चाहते हैं. पुणे की सूखी और धीमी पिच पर भारत के सीनियर स्पिनर आर अश्विन और रवींद्र जडेजा कुछ ख़ास प्रभाव नहीं छोड़ पाए और भारत को एक अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा.

मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में रोहित ने कहा, “हमारे सीनियर गेंदबाज़ों से हमेशा से बड़ी उम्मीदें होती हैं. उन्हें हर मैच में विकेट लेने और टीम को जीत दिलाने की ज़िम्मेदारी दी जाती है. लेकिन यह हमेशा सही नहीं है. यह केवल उनकी नहीं बल्कि सभी खिलाड़ियों की ज़िम्मेदारी है और सबको मिलकर काम करना होगा.”

अश्विन ने बेंगलुरु के पहले टेस्ट की दूसरी पारी में 16 ओवर में 94 रन देकर सिर्फ़ एक विकेट लिया, जबकि जडेजा दोनों पारियों में केवल तीन विकेट ही ले पाए. पुणे की अधिक मददग़ार पिच पर भी दोनों को दोनों पारियों में कुल मिलाकर भी क्रमशः पांच और तीन ही विकेट मिले. इस पर रोहित ने कहा, “यह सामान्य है कि बड़े खिलाड़ियों के खराब दिन आते हैं. उन्हें ऐसे दिनों में भी समर्थन मिलना चाहिए.”

भारतीय ज़मीन पर अश्विन और जडेजा का प्रदर्शन भारत की सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है और इस बार उनका प्रदर्शन उनके द्वारा ही स्थापित मानकों से बहुत कम रहा है. अश्विन ने पहले कुछ ओवरों में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज़ों ने उनकी गेंदबाज़ी के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाया. जडेजा को भी बल्लेबाज़ों की आक्रामकता का सामना करना पड़ा और उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी की योजनाओं को ठीक से लागू नहीं किया.

वहीं न्यूज़ीलैंड के बाएं हाथ के स्पिनर मिचेल सैंटनर ने दोनों पारियों में पंजा खोलते हुए कुल 13 विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाज़ी क्रम को उधेड़ कर रख दिया. उनका प्रदर्शन भारत के स्पिनरों के मुकाबले कहीं अधिक प्रभावी रहा. रोहित ने कहा, “हमें यह स्वीकार करना होगा कि वे बेहतर खेले. सैंटनर ने अपनी गेंदबाज़ी से हमें परेशान किया और हमें इसके लिए आगे योजना बनानी होगी.”

रोहित ने अपनी बात में यह भी जोड़ा कि भारत की युवा प्रतिभाएं भी इस समय महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. वॉशिंगटन सुंदर ने पुणे में अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए सात विकेट लिए. रोहित ने उनके प्रशंसा करते हुए कहा, “वॉशिंगटन ने वास्तव में अच्छा खेला और हमें उनकी भूमिका की आवश्यकता है. उनका प्रदर्शन भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है.”

भारतीय टीम को इस हार के बाद आत्म-मंथन की ज़रूरत है क्योंकि उन्हें अब ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेलने ऑस्ट्रेलिया जाना है. रोहित ने कहा, “हमें इस हार से सीख लेनी होगी. हमें अपनी रणनीतियों में सुधार करना होगा और खिलाड़ियों को एक साथ काम करने के लिए प्रेरित करना होगा.”

रोहित ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि एक टीम के रूप में सभी खिलाड़ियों को दबाव को साझा करना चाहिए. “अगर अश्विन या जडेजा अच्छा नहीं करते हैं, तो यह अन्य स्पिनरों का काम है कि वे आगे बढ़ें और स्थिति को संभालें. हमारी गेंदबाज़ी यूनिट को एकजुट होकर काम करना होगा.”

भारतीय कप्तान ने अपनी टीम की क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया और कहा कि वे भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं.

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