जोशीमठ/चमोली, 6 सितंबर . उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं. मौसम का मिजाज बदला हुआ है. इसकी वजह से पहाड़ी इलाको में रहने वालों लोगों के जीवन पर काफी असर पड़ा है.
मूसलाधार बारिश के कारण चट्टानें टूट रही हैं, इसके चलते कई सड़क मार्ग बाधित हो गए हैं. सीमांत नीति मलारी घाटी को जोड़ने वाली मुख्य सड़क एनएच-107 राष्ट्रीय मार्ग लाता भी बंद है. वहां सैकड़ों वाहनों की लंबी कतार लग गई है.
सड़कों पर चट्टानों का मलबा इकट्ठा हो गया है. इसके कारण राहगीरों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. एनएच-107 नीति मलारी हाईवे पर मुख्य सड़क को खुलने में लंबा समय लग सकता है. हालांकि प्रशासन मुख्य सड़क को खोलने का प्रयास कर रहा है.
यहां भारी बारिश हो रही है. इसके चलते चट्टानें टूटकर सड़कों पर गिर रही हैं. ऊपरी हिस्सों से लगातार पत्थर गिर रहे हैं. सड़कों पर चट्टानों का मलबा इकट्ठा हो गया है. सड़क खुलने में एक-दो दिन लग सकता है.
बता दें कि उत्तराखंड में बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है. राज्य के अधिकांश पर्वतीय जिलों में बारिश हो रही है. गुरुवार को भी कई जिलों में भारी बारिश हुई. नैनीताल जिले के अधिकांश इलाकों में देर शाम बारिश हुई. लगातार बारिश के चलते ऊपरी हिस्सों से चट्टानें टूटकर सड़कों पर गिर रही हैं. इसकी वजह से सड़कें बाधित हो रही हैं और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
बदरीनाथ हाईवे का भी यही हाल है. यहां कर्णप्रयाग गौचर के पास कमेड़ा में पहाड़ का मलबा नीचे गिर गया. इसकी वजह से हाइवे बंद हो गया है. यहां भी वाहनों की लंबी कतारें नजर आईं और लोगों को परेशानी हुई.
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एसएम /