नए संसद भवन से सेंगोल को हटाने की मांग को मिला राजद का साथ

पटना, 27 जून . नई सरकार के गठन के बाद संसद का पहला सत्र चल रहा है. इसी बीच समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने नए संसद भवन में लगे सेंगोल को हटाने की मांग की है. उनकी इस मांग को सही बताते हुए राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने अपना समर्थन दिया है.

उन्होंने कहा कि सेंगोल हमारा प्रतीक नहीं है. हमारा प्रतीक अशोक स्तंभ और बाबा भीम राव अम्बेडकर का संविधान है. सेंगोल दंडात्मक कार्रवाई का प्रतीक है. संसद दंड का स्थान नहीं है, बल्कि विचार और विमर्श की जगह है. इसलिए हमें नहीं लगता है कि सेंगोल की जगह संसद भवन में है. उसे नए संसद भवन से हटाने की मांग बिल्कुल जायज है.

दरअसल, यूपी की मोहनलालगंज सीट से सांसद आरके चौधरी ने सेंगोल का विरोध किया. इस संबंध में उन्होंने लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला और प्रोटेम स्पीकर को चिट्ठी लिखी. जिसमें आरके चौधरी ने संसद में लगे सेंगोल को हटाकर संविधान की विशालकाय प्रति लगाने की मांग की है.

उन्होंने लिखा, ”मैं सदन की कुर्सी के दाईं ओर सेंगोल को देखकर हैरान रह गया. महोदय, हमारा संविधान भारत के लोकतंत्र का एक पवित्र दस्तावेज है, जबकि सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है. हमारी संसद लोकतंत्र का मंदिर है, किसी राजा या राजघराने का महल नहीं है. मैं आग्रह करना चाहूंगा कि संसद भवन में सेंगोल हटाकर उसकी जगह भारतीय संविधान की विशालकाय प्रति स्थापित की जाए.”

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