पटना, 19 सितंबर . बिहार के नवादा के महादलित बस्ती में लगी आग को लेकर सियासत गरमा गई है. इस पर अब राजद सांसद मीसा भारती का भी बयान आया है. उन्होंने इस घटना में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
उन्होंने दो टूक कहा, “ना केवल बिहार, बल्कि मैं कहती हूं कि इस तरह की घटना देश के किसी भी सूबे में नहीं होनी चाहिए. इस घटना की सही जांच कराकर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. लेकिन, जिस तरह से घटना को लेकर एक वरिष्ठ नेता के द्वारा एक विशेष समाज के लोगों पर सवाल उठाए जा रहे हैं, वो उचित नहीं है, मैं उसकी निंदा करती हूं.”
उन्होंने कहा, “मैं मांग करती हूं कि इस मामले की उचित जांच हो और जो भी आरोपी इसमें शामिल हैं, उसके खिलाफ कार्रवाई हो, ताकि समाज के पिछड़े समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.”
बता दें कि बिहार के नवादा में महादलित बस्ती में भयंकर आग लग गई. दावा किया जा रहा है कि आग की जद में 80 से ज्यादा घर आकर पूरी तरह खाक हो गए. घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को काबू में किया. अब तक घटना के संबंध में कई आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. सियासी गलियारों से भी इस घटना में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है.
जहां यह घटना घटी, उसे महादलित टोला के नाम से जाना जाता है. यहां 10-12 सालों से दलित समुदाय के लोग रह रहे हैं. बीते दिनों यहां रहने वाले कुछ लोगों ने खतरे की आशंका भांपते हुए पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन उन्हें कोई सुरक्षा नहीं दी गई. लोगों ने पुलिस को बताया भी था कि बड़ी संख्या में यहां दबंग आते हैं और धमकाकर चले जाते हैं. ऐसे में हमारा यहां रहना दूभर हो चुका है. उन्होंने प्रशासन से से सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की थी. लेकिन, इस शिकायत पर ना ही संज्ञान लिया गया और ना ही सुरक्षा मुहैया कराई गई.
यहां रहने वाले लोगों ने दावा किया कि उनके पूर्वज 1995 में यहां खेती करते हुए आए थे. पिछले 10-12 वर्षों से वे लोग घर बनाकर रह रहे थे. इस अग्निकांड के पीछे भूमि विवाद को एक बड़ी वजह माना जा रहा है. डीएम आशुतोष शर्मा ने बताया कि अब तक इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. उनसे पूछताछ जारी है. अब पर्दे के पीछे की असल सच्चाई क्या है, ये तो पूछताछ के बाद ही साफ हो पाएगा. मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बलों को तैनात कर दिया गया है.
–
एसएचके/