शहडोल, 22 जुलाई . आयुष्मान भारत योजना किडनी मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है. मध्य प्रदेश के शहडोल जिला अस्पताल में इस योजना के तहत मुफ्त डायलिसिस की सुविधा मिल रही है, जिससे कई मरीजों को राहत मिली है. उमरिया जिले के मानपुर गांव के रितेश सोनी, जो पिछले दो साल से किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं, अब इस योजना के जरिए मुफ्त इलाज प्राप्त कर रहे हैं. रितेश का जल्द ही किडनी ट्रांसप्लांट भी होगा, जिसमें आयुष्मान कार्ड के कारण उन्हें 5 लाख रुपये तक की छूट मिलेगी.
के साथ खास बातचीत में रितेश ने बताया कि किडनी खराब होने के बाद उन्हें निजी अस्पतालों में डायलिसिस के लिए प्रति सत्र 2,000 से 2,500 रुपये खर्च करने पड़ते थे. यह उनके लिए आर्थिक रूप से भारी पड़ रहा था. दोस्तों की सलाह पर उन्होंने आयुष्मान भारत कार्ड बनवाया और शहडोल जिला अस्पताल में मुफ्त डायलिसिस शुरू करवाई. पिछले छह महीनों से उनका इलाज मुफ्त हो रहा है.
रितेश ने कहा, “डॉक्टरों ने किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी है और इसकी प्रक्रिया रायपुर एम्स में होनी है. आयुष्मान कार्ड के कारण इसमें भी 5 लाख रुपये की राहत मिलेगी. मैं इस योजना के लिए केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देता हूं.”
शहडोल जिला अस्पताल में रितेश के अलावा कई अन्य मरीज भी इस योजना का लाभ ले रहे हैं. लाभार्थी सुशील कुमार सोनी ने बताया कि उनके महीने में 12 डायलिसिस सत्र होते हैं. आयुष्मान कार्ड के कारण दवाइयां और इलाज मुफ्त मिल रहा है. उन्होंने भी इस योजना की सराहना की. लाभार्थी सुशील कुमार सोनी कहा कि वे 4 साल से पीड़ित हैं और उनका इलाज 2 साल से चल रहा है. पहले इन्हें पैसे देने पड़ते थे. लेकिन जब उन्हें आयुष्मान कार्ड के बारे में पता चला तो अब इनकी इलाज फ्री में हो रही है.
डायलिसिस करा रहीं उषा सिंह के पति जीतेंद्र सिंह ने भी योजना के लाभ गिनाए. उन्होंने कहा, “आयुष्मान कार्ड से मेरी पत्नी का डायलिसिस हो रहा है और दवाइयां मुफ्त हो रही हैं. यह योजना बहुत मददगार है.”
जिला अस्पताल की डायलिसिस यूनिट के टेक्नीशियन गोपी लाल ने बताया कि वर्तमान में 60 मरीज आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त डायलिसिस करा रहे हैं. सामान्य मरीजों से 5 से 10 रुपये का मामूली शुल्क लिया जाता है, लेकिन आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए यह पूरी तरह मुफ्त है. उन्होंने बताया कि रात के समय भी डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध है, जिससे दिन में इलाज न करा पाने वाले मरीजों को मदद मिलती है.
आयुष्मान भारत योजना से न केवल मरीजों को आर्थिक बोझ से राहत मिल रही है, बल्कि यह उनके लिए जीवन रक्षक साबित हो रही है. मरीजों और उनके परिवारों ने इस योजना को निरंतर जारी रखने की मांग की है.
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वीकेयू/केआर