जर्मनी में 3.2 मिलियन बुजुर्गों पर बढ़ा गरीबी का खतरा

बर्लिन, 16 नवंबर . जर्मनी में बुजुर्गों को लेकर एक नई रिपोर्ट सामने आई है. यूरोस्टेट के आंकड़ों से पता चला है कि जर्मनी में 65 साल से अधिक उम्र के लगभग 3.2 मिलियन बुजुर्ग पर गरीबी का खतरा बढ़ गया है.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए के हवाले से बताया कि जर्मनी में वरिष्ठ नागरिकों की गरीबी की दर में हाल के वर्षों में स्थिरता बनी हुई है. साल 2023 में 3.245 मिलियन और 2022 में 3.157 मिलियन वरिष्ठ नागरिक प्रभावित हुए हैं.

हालांकि, यह आंकड़ा 2013 के आंकड़े से काफी अलग है, जब जर्मनी में सिर्फ 2.4 मिलियन बुजुर्गों पर गरीबी का खतरा था.

दरअसल, गरीबी के जोखिम को तब परिभाषित किया जाता है, जब किसी व्यक्ति की आय सामाजिक लाभों के बाद 60 फीसदी से कम होती है.

जर्मनी में बुजुर्गों की जनसंख्या में पिछले काफी सालों में इजाफा हुआ है. साल 1991 में बुजुर्गों की 12 मिलियन आबादी थी, जो साल 2022 में बढ़कर 18.7 मिलियन हो गई.

फेडरल स्टैटिस्टिकल ऑफिस के अनुसार, इस जनसांख्यिकीय बदलाव का मतलब है कि बुजुर्ग आबादी देश की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा बन गए हैं.

इस बीच, देश में पेंशन सुधार को लेकर बुज़ुर्गों की गरीबी के मुद्दे पर बहस तेज हो गई है. जर्मन राजनीतिक दलों के बीच संभावित समाधानों पर काफी मतभेद हैं. डीपीए के मुताबिक, नई सरकार बनने से पहले बड़े बदलाव होने की संभावना नहीं है.

एफएम/एबीएम