चीनी एनिमेटेड फिल्मों का उदय और सांस्कृतिक आत्मविश्वास का पुनर्निर्माण

बीजिंग, 24 अगस्त . एक वक्त था, जब चीनी एनीमेशन बाजार पर जापानी और अमेरिकी फिल्मों का दबदबा था और घरेलू स्तर पर निर्मित एनिमेटेड फिल्में तकनीकी और कथात्मक उत्कृष्टता की दोहरी चुनौतियों के बीच अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष करती थीं.

हालांकि, हाल के वर्षों में, ‘नेचा 2’, ‘लिटिल मॉन्स्टर्स ऑफ लांगलांग माउंटेन’, ‘बंदर राजा हीरो वापस आ गया है’, ‘व्हाइट स्नेक’ और ‘देवत्व की कथा’ जैसी लगातार हिट फिल्मों के साथ, चीनी एनिमेटेड फिल्में उन्नति के एक अनोखे रास्ते पर चल पड़ी हैं. यह न केवल उद्योग की जीत है, बल्कि सांस्कृतिक आत्मविश्वास की वापसी और पुनर्निर्माण भी है.

चीनी एनिमेटेड फिल्मों का उदय कोई संयोग नहीं है. यह कई कारकों के सम्मिलन से उत्पन्न ऐतिहासिक अनिवार्यता का परिणाम है. मजबूत नीतिगत समर्थन ने उद्योग के विकास का मार्ग प्रशस्त किया है. 2010 के बाद, चीन में सांस्कृतिक उद्योग के विकास को बढ़ावा देने वाली कई नीतियां लागू की गईं, जिससे चीनी एनीमेशन के लिए अनुकूल वातावरण बना.

तकनीकी संचय एक महत्वपूर्ण स्तर पर पहुंच गया है और दशकों के परिशोधन के बाद, घरेलू एनीमेशन उत्पादन तकनीक अंततः विश्व स्तरीय मानकों के बराबर पहुंच गई है. उनके अलावा पूंजी के विशाल प्रवाह ने उत्पादन संबंधी बाधाओं को दूर किया है, जिससे उच्च-गुणवत्ता वाली फीचर-लंबाई वाली एनिमेटेड फिल्में संभव हो पाई हैं.

लेकिन, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रचनाकारों ने धीरे-धीरे उस कथात्मक कोड को खोज निकाला, जो परंपरा और आधुनिकता को जोड़ता है.

वे अब केवल मिथकों और किंवदंतियों का पुनर्कथन नहीं करते, बल्कि क्लासिक पात्रों को समकालीन लोगों की भावनात्मक उलझन और मूल्य-प्रयास प्रदान करते हैं. ‘नेचा’ का दुर्भाग्य के विरुद्ध संघर्ष, लांगलांग पर्वत के छोटे-छोटे राक्षस जो अपनी तरह जीना चाहते हैं, और च्यांग जिया का अपने विश्वासों पर अडिग रहना, ये सभी आधुनिक चीनी लोगों की आध्यात्मिक दुनिया को दर्शाते हैं.

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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