चंडीगढ़, 30 मार्च . एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा ने अपकमिंग पीरियड ड्रामा ‘हीरामंडी: द डायमंड बाजार’ को लेकर खुलासा किया है कि कैसे फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली ने सीरीज में वास्तिवकता की झलक पेश करने के लिए वेशभूषा पर काम किया. उन्होंने असली पुराने आभूषणों और कपड़ों का इस्तेमाल किया.
‘हीरामंडी: द डायमंड बाजार’ से भंसाली ओटीटी प्लेटफॉर्म पर डेब्यू करने जा रहे है. सीरीज 1940 के दशक के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की उथल-पुथल भरी पृष्ठभूमि पर आधारित तवायफों और उनके संरक्षकों की कहानियों के जरिए जिले हीरामंडी की सांस्कृतिक वास्तविकता की पड़ताल करती है.
सिनेवेस्टर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2024 (सीआईएफएफ) के मौके पर से बात करते हुए, ऋचा ने कहा कि भंसाली अपनी दुनिया के प्रति बेहद सचेत हैं.
ऋचा ने कहा, ”यह उनका दृष्टिकोण है. वह भव्यता, कविता, संगीत, पोशाक और आभूषण चाहते हैं. हमने जो आभूषण पहने हैं वे सभी असली हैं. भले ही यह तीन-चार किलोग्राम के आभूषण हों, यह सभी असली, सभी पुराने आभूषण हैं. इसमें कॉस्ट्यूम के तौर पर पुराने कपड़ों का उपयोग किया गया है.”
‘लज्जो’ की भूमिका के लिए की गई तैयारियों के बारे में बात करते हुए ऋचा ने कहा, “उर्दू सीखने के लिए काफी क्लासेज लेनी पड़ी. जब मैं बच्ची थीं तो मैंने एक दशक तक कथक सीखा था, इसलिए मुझे उसमें निखार लाना था. मैंने वॉयस मॉड्यूलेशन किया.”
37 वर्षीय एक्ट्रेस ने कहा, “1930, 1940 और 1950 के दशक में महिलाएं कैसे बात करती थीं, मैंने उस तरीको को अपनी बोलचाल में लाने की कोशिश की. उस बातचीत में एक अलग लय थी.”
सीरीज में मनीषा कोइराला, सोनाक्षी सिन्हा, अदिति राव हैदरी, शर्मिन सहगल और संजीदा शेख भी हैं.
‘हीरामंडी: द डायमंड बाजार’ का प्रीमियर जल्द ही नेटफ्लिक्स पर होगा.
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पीके/