कोलकाता, 20 अक्टूबर . कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की जूनियर डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने रविवार शाम को स्पष्ट किया कि उनका प्रतिनिधिमंडल सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ निर्धारित बैठक में शामिल होगा, लेकिन भूख हड़ताल वापस लेने की राज्य सरकार की पूर्व शर्त को स्वीकार नहीं करेगा.
बलात्कार और हत्या के मुद्दे पर आंदोलन की अगुवाई कर रहे जूनियर डॉक्टरों के प्रमुख संगठन पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट (डब्ल्यूबीजेडीएफ) ने रविवार शाम मुख्य सचिव मनोज पंत को एक ईमेल भेजकर अपना निर्णय बताया.
शनिवार शाम को मुख्य सचिव ने डब्ल्यूबीजेडीएफ को एक ईमेल भेजा, जिसमें बैठक के लिए भूख हड़ताल वापस लेने को पूर्व शर्त बताया गया.
ईमेल में उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बैठक के लिए आने वाले जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल में 10 से अधिक सदस्य नहीं होने चाहिए और बैठक के लिए 45 मिनट से अधिक समय आवंटित नहीं किया जाएगा.
मुख्य सचिव के ईमेल ने प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को आश्चर्यचकित कर दिया, क्योंकि शनिवार दोपहर को मुख्यमंत्री के साथ उनकी फोन पर हुई बातचीत के दौरान “भूख हड़ताल वापस लेने” की यह शर्त नहीं रखी गई थी, जो उस समय तय हुई जब पंत और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शनिवार को अचानक विरोध स्थल पर पहुंच गए.
वर्तमान में आठ जूनियर डॉक्टर भूख हड़ताल पर हैं, जिनमें से सात मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड में और एक दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कार्यरत हैं.
यह भूख हड़ताल रविवार को 16वें दिन में प्रवेश कर गई.
वर्तमान में कुल आठ जूनियर डॉक्टर भूख हड़ताल पर हैं, जिनमें से सात मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड में और एक दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कार्यरत हैं. यह भूख हड़ताल रविवार को 16वें दिन में प्रवेश कर गई.
सोमवार को मुख्यमंत्री के साथ बैठक में शामिल होने का निर्णय डब्ल्यूबीजेडीएफ की आम सभा की बैठक में लिया गया जो रविवार शाम तक चली.
जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक देबाशीष हलदर के अनुसार, मुख्य सचिव को हाल ही में भेजे गए ईमेल में फ्रंट ने इस मुद्दे पर अपनी 10 सूत्री मांगों का विस्तृत ब्यौरा दिया है.
उन्होंने कहा, “सोमवार को मुख्यमंत्री के साथ होने वाली बैठक में हम इस मामले में अपनी मांगों को विस्तार से रखेंगे. हम बिना किसी पूर्व शर्त के बैठक में भाग ले रहे हैं. लेकिन आमरण अनशन जारी रहेगा और हम इस मामले में राज्य सरकार द्वारा रखी गई पूर्व शर्त को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं.”
हलदर की पत्नी स्निग्धा हाजरा भी एक जूनियर डॉक्टर हैं और एस्प्लेनेड में भूख हड़ताल पर बैठे सात लोगों में से एक हैं.
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एकेएस/