कोलकाता, 21 अक्टूबर . कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद आक्रोशित जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक के बाद आमरण अनशन समाप्त करने का निर्णय लिया. हालांकि उनका आंदोलन जारी रहेगा.
जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से कहा कि उनकी समस्याओं का समाधान सरकार प्राथमिकता के आधार पर करेगी और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए विभिन्न कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही डॉक्टरों की मांगों पर विचार करेगी और उन्हें समाधान प्रदान करेगी.
जूनियर डॉक्टरों का अनशन पिछले 17 दिन से चल रहा था, जिसमें वह अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आए थे. उनकी मुख्य मांगें बेहतर काम करने की स्थिति, सुरक्षा और उच्चतर चिकित्सा सुविधाओं को लेकर थीं.
गौरतलब है कि 5 अक्टूबर से जूनियर डॉक्टर धर्मतल्ला में ‘आमरण अनशन’ पर बैठे थे. इसके साथ ही, उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में भी भूख हड़ताल चल रही थी. 10 सूत्री मांगों को लेकर डॉक्टर अड़े हुए थे.
आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में गत 9 अगस्त को एक महिला डॉक्टर के साथ रेप करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. जब मामला सामने आया तो पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए डॉक्टर सड़कों पर उतर आए.
पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों ने ममता सरकार के सामने 10 सूत्री मांगें रखी थीं. सबसे पहली मांग यह थी कि इस वारदात में शामिल आरोपी और घटनास्थल से छेड़छाड़ करने वाले दोषियों की गिरफ्तारी हो. उन्होंने दूसरी मांग रखी कि आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर कार्रवाई की जाए. इसके अलावा चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों की सुरक्षा को बढ़ाया जाए. साथ ही कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल समेत सभी दोषी अफसरों पर भी कार्रवाई हो.
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पीएसके/एकेजे