कोलकाता, 17 अक्टूबर . पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट (डब्ल्यूबीजेडीएफ) ने गुरुवार को लोगों के साथ गहन बातचीत करने के लिए बड़े पैमाने पर हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है. डब्ल्यूबीजेडीएफ कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में अपने सहकर्मी के साथ हुए बलात्कार और हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा है.
डब्ल्यूबीजेडीएफ के एक प्रतिनिधि ने कहा, “हमारे विभिन्न विरोध कार्यक्रमों में पहले से ही बड़ी संख्या में लोग हमारे साथ जुट रहे थे. लेकिन अक्सर आम लोग हमसे या आमरण अनशन पर बैठे हमारे सहयोगियों से सीधे बातचीत करने में असमर्थ थे. इसलिए हमने अपने आंदोलन में बड़े पैमाने पर लोगों की भागीदारी के लिए ‘हस्ताक्षर’ अभियान शुरू करने का फैसला किया है.”
उन्होंने यह भी बताया कि यह जनसंवाद एकतरफा नहीं होगा. हस्ताक्षर करने वाले लोग जूनियर डॉक्टरों को यह भी बता सकेंगे कि वे उनकी 10 सूत्री मांगों के बारे में क्या सोचते हैं, जिनमें से नौ का समाधान राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है.
डब्ल्यूबीजेडीएफ के प्रतिनिधि ने कहा, “इसके साथ ही हम लोगों से सीधे बातचीत कर सकेंगे और उन्हें अपना तर्क बता सकेंगे जिसके लिए हमारे आठ साथी आमरण अनशन पर हैं, जिसमें कोलकाता में सात और सिलीगुड़ी में एक है.”
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह ‘हस्ताक्षर’ अभियान जूनियर डॉक्टरों की ओर से एक ‘मास्टर स्ट्रोक’ है, जो पश्चिम बंगाल सरकार पर अतिरिक्त दबाव डालेगा. राज्य सरकार पहले से ही जघन्य बलात्कार और हत्या तथा जूनियर डॉक्टरों के आमरण अनशन पर जनता के गुस्से का सामना कर रही है.
जनाक्रोश की लहर मंगलवार शाम को महसूस की गई जब हजारों की संख्या में लोग चिकित्सा जगत के प्रतिनिधियों द्वारा आयोजित “ड्रोह-कार्निवल” मानव श्रृंखला विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे.
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