आरजी कर मामला : कोर्ट ने सीबीआई को रिपोर्ट सौंपने का दिया आदेश, पीड़िता की मां ने न्याय मिलने का किया दावा

कोलकाता, 24 मार्च . कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत के मामले में कोर्ट ने सीबीआई को पूरी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है. कोर्ट के इस फैसले पर पीड़िता की मां ने टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि हम न्यायिक प्रक्रिया में धीरे-धीरे सही दिशा में बढ़ रहे हैं.

समाचार एजेंसी से सोमवार को बात करते हुए पीड़िता की मां ने कहा कि सीबीआई अब तक सही तरीके से जांच नहीं कर पाई है. हमने शुरू से ही यह कहा था कि संजय रॉय मेरी बेटी की हत्या का अकेला आरोपी नहीं है. मेरी बेटी को अस्पताल में बहुत ज्यादा यातनाएं दी गई थीं. मेरी बेटी ने नकली दवाइयां और इंजेक्शन, नकली सलाइन लेने से मना कर दिया था, जिसकी वजह से उसे बहुत कष्ट सहना पड़ा और अंततः उसकी मृत्यु हो गई. वह खुद समझ नहीं पाई और हम भी यह समझ नहीं पाए कि उस पर कोई इस हद तक अत्याचार कर सकता है. यह एक संस्थागत हत्या है, जिसमें उसकी सहकर्मी, वीपी, संदीप घोष और अन्य लोग शामिल हैं.

पीड़िता की मां ने आगे कहा कि राज्य सरकार की तरफ से कभी कुछ स्पष्ट नहीं कहा गया है. कभी कहते हैं कि कोई आपत्ति नहीं है, कभी कहते हैं कि आपत्ति है. 9 अगस्त के बाद से राज्य सरकार की तरफ से हमेशा कोई न कोई अड़चन डाली गई है, क्योंकि मेरी बेटी सरकारी कर्मचारी थी और ड्यूटी के दौरान ही उसकी मृत्यु हो गई. इसीलिए, यह स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री की पूरी जिम्मेदारी बनती थी कि वे यह जानें कि इस मामले में कौन लोग शामिल हैं. लेकिन हम पहले दिन से ही देख रहे हैं कि इस मामले को ढकने की कई कोशिश की जा रही हैं.

उन्होंने आगे कहा कि इस मामले को कोई भी छुपा नहीं पाएगा, हम लगातार प्रयास करते रहेंगे. हो सकता है कि थोड़ी देर हो, लेकिन हम न्याय जरूर पाएंगे.

दरअसल, कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को निर्देश दिया है कि वह अदालत को स्पष्ट करे कि कोलकाता में सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की महिला डॉक्टर ‘बलात्कार’ या ‘सामूहिक बलात्कार’ की शिकार थी, साथ ही मामले की डायरी भी पेश करे.

सोमवार को यह मामला जब न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया, तो न्यायाधीश ने कहा कि चूंकि एक व्यक्ति (नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय) को पहले ही बलात्कार और हत्या के अपराध के लिए दोषी ठहराया जा चुका है और उसे सजा सुनाई जा चुकी है, इसलिए केंद्रीय एजेंसी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि अपराध में एक या उससे अधिक लोग शामिल थे या नहीं.

उन्होंने आगे कहा कि सीबीआई को अदालत के समक्ष यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह ‘बलात्कार’ का मामला था या ‘सामूहिक बलात्कार’ का. उन्होंने सीबीआई को अगली सुनवाई तक मामले की केस डायरी अदालत में पेश करने का भी निर्देश दिया.

पीएसके/एबीएम