अयोध्या, 30 जुलाई . अयोध्या में चल रहे राम मंदिर निर्माण की तीन दिवसीय समीक्षा बैठक के बाद मंदिर निर्माण कमेटी के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने पत्रकारों से बात करते हुए मंदिर निर्माण को दिसंबर 2024 तक पूर्ण करने पर जोर दिया. हालांकि एक दिन पहले ही पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने मजदूरों की कमी के चलते मंदिर निर्माण दो महीने लेट होने की बात कही थी.
यह समीक्षा बैठक 27 जुलाई से शुरू हुई थी, जो अगले तीन दिन यानी आज 30 जुलाई तक चलेगी.
उन्होंने कहा, “यह तीन दिन की समीक्षा बैठक थी. इसमें समीक्षा की जाती है कि जो कार्य चल रहा है, उसमें क्या प्रगति हुई है. अभी तक मंदिर निर्माण का लक्ष्य दिसंबर 2024 का रखा गया है, हमें अभी भी आशा है कि यह निर्माण दिसंबर तक पूरा हो सकेगा. मुख्य चुनौती श्रमिकों की है.जिस कंपनी को श्रमिकों की आपूर्ति का ठेका दिया गया था, वह पूर्ति नहीं कर पा रही है. उसके नए विकल्प तलाशे जाएंगे”.
मंदिर परिसर और आसपास के निर्माण पर जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, “समीक्षा में यह स्पष्ट हो गया कि ऑडिटोरियम, ट्रस्ट कार्यालय, और साधु संतों के लिए विश्राम गृह के निर्माण का कार्य उत्तर प्रदेश निर्माण निगम द्वारा शुरू हो गया है. मौके पर कार्यालय बन गया है, जिसमें सोमवार को बैठक भी हुई. हमारे ट्रस्ट के जनरल सेक्रेट्री चंपत राय जी से हम सब ने अनुरोध किया है कि ऑडिटोरियम, ट्रस्ट कार्यालय, और साधु संतों के लिए विश्राम गृह बनने से पहले वह भूमि पूजन करें. हम प्रयासरत रहेंगे कि जून 2025 तक निर्माण कार्य पूर्ण हो जाए”.
उन्होंने आगे कहा, “कल की समीक्षा बैठक के बाद यह निर्माण लिया जा चुका है कि जो सुग्रीव किला से मंदिर तक की के ऊपर कैनोपी, स्तंभ और चार दरवाजों का कार्य राज्य निर्माण निगम ने पूरा कर दिया है, उसको अगस्त के पहले सप्ताह में ट्रस्ट को हस्तांतरित कर दिया जाएगा”.
इससे पहले सोमवार की समीक्षा बैठक के बाद उन्होंने पत्रकारों को बताया था कि मंदिर निर्माण का कार्य दिसंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इसके लिए निरंतर प्रयास बहुत आवश्यक है. आज के समय यदि इस गति से निर्माण किया गया तो दो महीने का विलंब होगा. एलएंडटी कंपनी को निर्देश दिया गया है कि वह मजदूरों और सब-कांट्रैक्टरों की संख्या बढाए. केवल एक या दो सब-कांट्रैक्टर्स पर निर्भर न रहे. इसके अलावा अन्य तकनीकी मुद्दों पर भी रविवार को निर्णय लिया गया है. पिछले तीन महीने में भीषण गर्मी की वजह से अपेक्षित निर्माण की गति कम हो गई है. गर्मी की वजह से काम छोड़कर घर चले गए श्रमिकों को वापस लाने में कंपनी को दिक्कत आ रही है”.
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