पहलगाम हमले का बदला लेना समय की मांग, आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई जरूरी : मुकेश अग्निहोत्री

ऊना, 24 अप्रैल . हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 भारतीय नागरिकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है.

गुरुवार को ऊना के सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए केंद्र सरकार से आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस हमले का बदला लेना अब समय की मांग है और पूरा देश केंद्र सरकार की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है.

अग्निहोत्री ने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ अब निर्णायक लड़ाई जरूरी हो चुकी है. इस लड़ाई में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस और हमारी सरकार केंद्र सरकार के साथ मजबूती से खड़ी है. यह ऐसा मुद्दा है, जिसमें देश के प्रत्येक नागरिक को एकजुट होकर केंद्र सरकार का समर्थन करना चाहिए.”

उन्होंने केंद्र सरकार से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने की अपील की. अग्निहोत्री ने कहा, “इस तरह के कायराना हमले देश की संप्रभुता पर हमला हैं. केंद्र सरकार को कठोर कदम उठाकर आतंकवादियों और उनके समर्थकों को सबक सिखाना चाहिए. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार कर राष्ट्रीय एकता दिखानी होगी. यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसमें देश के प्रत्येक नागरिक को केंद्र सरकार के साथ खड़े होने की जरूरत है. इस हमले का बदला अवश्य लिया जाना चाहिए.”

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हिमाचल प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण बल्क ड्रग पार्क परियोजना को लेकर भी बात की. उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के उस बयान पर पलटवार किया, जिसमें उन्होंने परियोजना में देरी के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया था.

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बल्क ड्रग पार्क की पर्यावरणीय मंजूरी (एनवायरमेंटल क्लीयरेंस) पिछले तीन महीनों से केंद्र सरकार के पास लंबित है, जिसके कारण परियोजना का काम रुका हुआ है. बल्क ड्रग पार्क हिमाचल प्रदेश के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना है. यदि केंद्र सरकार जल्द से जल्द पर्यावरणीय मंजूरी दे दे तो जमीन सुधारीकरण का काम तत्काल शुरू कर दिया जाएगा. राज्य सरकार इस परियोजना को हर हाल में मूर्त रूप देने के लिए प्रतिबद्ध है. यह परियोजना न केवल राज्य में रोजगार के अवसर पैदा करेगी, बल्कि देश की दवा उद्योग में आत्मनिर्भरता को भी बढ़ाएगी.

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