‘रेवड़ी पॉलिटिक्स’ झूठ की राजनीति : केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी (आईएएनएस साक्षात्कार)

नई दिल्ली, 17 जून . केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को से खास बातचीत की. बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री ने ‘रेवड़ी पॉलिटिक्स’ को लेकर विपक्ष पर जमकर निशाना साधा.

उन्होंने कहा कि ‘रेवड़ी पॉलिटिक्स’ देशभर में कई जगहों पर देखी गई है. दिल्ली में केजरीवाल की सरकार है. इन्होंने दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन को ठप कर दिया. राजधानी में 10 हजार बसें होनी चाहिए. लेकिन, अब सिर्फ 2,500 रह गई हैं. वो भी किसी का पार्ट नहीं मिलता है या अन्य चीज नहीं मिलती है. ‘रेवड़ी पॉलिटिक्स’ एक तरह से झूठ की राजनीति होती है. हम सत्ता में आने पर ये कर देंगे. लेकिन, जनता सब याद रखती है. अभी महिलाएं कांग्रेस के दफ्तरों में पहुंच रही हैं और उनसे पूछ रही हैं कि आपने कहा था कि एक लाख रुपये सालाना देंगे. हमारी पहली किस्त रह गई है, 8,500 हजार रुपये हमारे खाते में डालिए. इसमें कांग्रेसी फंस गए हैं, इससे बचने के लिए नाटक कर रहे हैं.

हरदीप सिंह पुरी ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में पेट्रोलियम मंत्रालय में होने वाले काम को लेकर कहा कि हमने पेट्रोल और डीजल की देश में कभी कमी नहीं होने दी. हमने सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी कम की, अफोर्डेबिलिटी बढ़ाई. एथेनॉल, ग्रीन फ्यूल को लेकर, जो 2030 का टारगेट था, उसे घटाकर 2025 तक ला रहे हैं. लेकिन, इसके लिए राज्य सरकारों को भी जिम्मेदार बनना पड़ेगा, अगर वो जिम्मेदारी से काम नहीं लेंगे, गैर जिम्मेदाराना राजनीति करेंगे, तो फिर मैं सोचता हूं कि वही होगा जो इन्होंने 2004 और 2014 के बीच किया था. इन्होंने दाम नीचे रखने के लिए ऑयल बॉन्ड फ्लोट किए, उससे 1 लाख 41 हजार करोड़ का इन्होंने कर्ज लिया, हमें उसके लिए 3 लाख 20 हजार करोड़ लौटाना पड़ता है.

इसके अलावा हरदीप सिंह पुरी ने कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने के के सवाल पर कहा कि इसका कारण कर्नाटक सरकार के फ्रीबीज का ऐलान है, वो तो मैं नहीं कह सकता, लेकिन उन्होंने ये जो निर्णय लिया है, उसका असर केवल ईंधन की कीमतों पर नहीं होगा, बल्कि ट्रांसपोर्टेशन महंगा होने की वजह से खाने-पीने की चीजों के दाम भी बढ़ जाएंगे, यानी जो केंद्र सरकार ने काम किया, उस पर इन लोगों ने पानी फेर दिया.

उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा, “कांग्रेस के युवा नेता ने एक बार कह दिया ‘खटाखट-खटाखट’ तो इन्होंने आते ही ‘खटाखट’ कर दिया, पर युवा नेता को ये समझाना भूल गए कि जो उन्होंने झूठ बोला वो भी पकड़ा गया.”

एसके/एबीएम