मातृभूमि की रक्षा का था संकल्प, अपनी जमीन वापस लेकर फहराया तिरंगा: रिटायर सूबेदार मेजर स्वर्ण दास

नई दिल्ली, 26 जुलाई . कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर पूरा देश शहीदों को याद कर रहा है. इस खास मौके पर रिटायर सूबेदार मेजर स्वर्ण दास ने वीर शहीदों को नमन किया है.

उन्होंने कहा कि 10 जून की बात है, हम पॉइंट 5203 बटाली सेक्टर में गए थे. हमने वहां कब्जा किया था. पाकिस्तान के 6 सैनिकों को मार गिराया था और दो को हमने जिंदा पकड़ लिया था. 9 जून की रात को हमने चढ़ाई की और 10 तारीख को पाकिस्तान के साथ हमारा मुकाबला हुआ. 10 जून को हमने पॉइंट 5203 पर कब्ज़ा किया, जिसमें हमारे कैप्टन अमोल कालिया शहीद हो गए.

उन्होंने कहा कि 1999 के युद्ध में मैं वहां मौजूद था और पाकिस्तानियों को हमने खदेड़ा था. बहुत कठिनाई के साथ हमने लड़ाई लड़ी. हमारे पास अपने देश की रक्षा की जिम्मेदारी थी. तब सर्दियों का मौसम था, और ऊंची चोटियों पर हमने सिर्फ बारूद व असलहा उठाया. हमें देश की रक्षा करनी थी और अपनी मातृभूमि की रक्षा का संकल्प था. हमने अपनी जमीन पर कब्जा कर लिया और वहां पर हमने तिरंगा फहराया और अपने घर वापस लौट आए.

सेवानिवृत्त मेजर अशोक कुमार ने कहा कि देशवासियों को पता चलना चाहिए कि कैसे देश के लिए जान देने वाले जांबाज सैनिकों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए देश की रक्षा की थी. पीएम नरेंद्र मोदी ने जिस प्रकार से जवानों का उत्साह बढ़ाया है, यह बहुत अच्छी बात है. उत्साह बढ़ाने के साथ-साथ जवानों के लिए प्रेरणा बहुत जरूरी है. मैं आपके माध्यम से कहना चाहता हूं कि देश की जो रक्षा कर रहे हैं, उनका आदर करना चाहिए.

26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तानी सेना को मुंहतोड़ जवाब देते हुए कारगिल में तिरंगा फहराया था. जिसके बाद से हर साल 26 जुलाई को भारत में कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के बलिदान को याद करते हुए ‘कारगिल विजय दिवस’ मनाया जाता है.

एकेएस/एएस