फेस्टिव मांग और जीएसटी रेट कट के कारण भारत में वाहनों की खुदरा बिक्री बढ़कर अक्टूबर में 40.2 लाख यूनिट हुई : फाडा

New Delhi, 7 नवंबर . फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (फाडा) के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, GST रेट कटौती और फेस्टिव सीजन में बढ़ी मांग के कारण इस वर्ष अक्टूबर में India में वाहनों की खुदरा बिक्री बढ़कर 40.2 लाख यूनिट हो गई, जो कि बीते वर्ष की समान अवधि से 40.5 प्रतिशत की जबरदस्त बिक्री को दर्शाती है. बीते वर्ष समान अवधि में यह आंकड़ा 28.7 लाख यूनिट था. अक्टूबर में वाहनों की बिक्री में टू-व्हीलर सेगमेंट का महत्वपूर्ण योगदान रहा.

टू-व्हीलर बिक्री को लेकर जारी आंकड़ों के अनुसार, टू-व्हीलर की बिक्री में 51.8 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया, जिसके बाद यह बढ़कर 31.5 लाख यूनिट हो गई. इसके अलावा, पैंसेजर व्हीकल 11.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बढ़कर 5.57 लाख यूनिट हो गए.

फाडा ने कहा कि कमर्शियल व्हीकल की बिक्री में 17.7 प्रतिशत की बिक्री दर्ज की गई, जो कि बढ़कर 1.08 लाख यूनिट हो गए. इसके अलावा, ट्रैक्टर की बिक्री भी 14.2 प्रतिशत बढ़कर 73,577 यूनिट दर्ज की गई है. वहीं, थ्री-व्हीलर वाहनों की बिक्री बढ़कर 1.30 लाख यूनिट हो गई, जो कि 5.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है.

फाडा की ओर से कहा गया है कि 42 दिन की फेस्टिव अवधि में वाहनों की खुदरा बिक्री को लेकर मजबूत प्रदर्शन दर्ज किया गया. वाहनों की कुल बिक्री बीते वर्ष की तुलना में 21 प्रतिशत बढ़ी. अक्टूबर में दीपावली और दशहरा का पर्व मनाया गया था. इसके अलावा, GST रेट में कटौती के कारण ग्रामीण भारतीयों के खर्च में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई.

फाडा के प्रेसिडेंट सी.एस. विग्नेश्वर ने कहा, “इस वर्ष अक्टूबर का महीना India में ऑटो रिटेल के लिए एक यादगार महीने के रूप में देखा जाएगा. वाहनों की खुदरा बिक्री सालाना आधार पर 40.5 प्रतिशत से बढ़ी है. दोनों ही यात्री वाहनों और टू-व्हीलर ने लाइफटाइम हाई प्राप्त करने में बड़ी सफलता दर्ज की है. वाहनों की बिक्री में आया यह उछाल ग्राहकों में एक नए विश्वास को और मजबूत आर्थिक गतिविधियों को दर्शाता है.”

फाडा के अनुसार, यात्री वाहनों की बिक्री में 23 प्रतिशत, टू-व्हीलर वाहनों की बिक्री में 22 प्रतिशत, कमर्शियल वाहनों की बिक्री में 15 प्रतिशत, ट्रैक्टर्स की बिक्री में 14 प्रतिशत, थ्री-व्हीकल की बिक्री में 9 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई है. इसके अलावा, प्रोजेक्ट डिले और टाइट फाइनेंसिंग के कारण कंस्ट्रक्शन इक्विप्मेंट को लेकर 24 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.

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