नई दिल्ली, 29 अक्टूबर . रिटेल भागीदारी बढ़ने के साथ इंडेक्स फंड अब एसआईपी के जरिए आने वाले प्रवाह में अपना सार्थक योगदान दे रहे हैं. इंडेक्स फंड का हिस्सा मासिक एसआईपी का लगभग 5 प्रतिशत है, जो एक साल पहले 3.5 प्रतिशत था, जो दिखाता है कि इंडेक्स अब निवेशकों के बीच अधिक लोकप्रिय हो रहा है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, एसआईपी प्रवाह, इंडेक्स फंड में सितंबर 2023 में 556 करोड़ रुपये से बढ़कर सितंबर 2024 में 1,158 करोड़ रुपये तक दोगुना हो गया है. एसआईपी प्रवाह ने पहली बार जुलाई 2024 में 1,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया था. चालू कैलेंडर वर्ष में कम लागत वाले म्यूचुअल फंड सेक्टर नए फंड ऑफरिंग (एनएफओ) को लेकर भी केंद्र में रहे.
लार्ज कैप सेक्टर में निफ्टी नेक्स्ट 50, निफ्टी अल्फा 50 और निफ्टी 200 मोमेंटम 30 इंडेक्स फंड और ईटीएफ एक वर्ष के रिटर्न टेबल में टॉप पर हैं. स्मॉल और मिडकैप सेगमेंट में एक साल की अवधि में इंडेक्स फंड्स से आगे केवल कुछ ही एक्टिव ऑफरिंग हैं.
हालांकि, लंबी अवधि में सक्रिय फंड का प्रदर्शन बेहतर रहा है. पिछले एक साल में अलग-अलग इंडेक्स फंडों में सक्रिय निवेश खातों या फोलियो की संख्या दोगुनी से भी अधिक होकर 11.2 मिलियन हो गई है. पिछले 12 महीनों में फोलियो की संख्या में 85 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024 की अवधि के दौरान एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 47 प्रतिशत बढ़कर 2.7 ट्रिलियन रुपये हो गया.
पैसिव फंड को लेकर कोविड के बाद निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है. एक्टिव फंडों की तुलना में पैसिव फंड की कम लागत और फंड मैनेजर न होना इनकी लोकप्रियता की वजह बनी. पैसिव एयूएम मार्च 2020 के अंत में 1.6 ट्रिलियन रुपये था. यह सात गुना बढ़कर अब 11.5 ट्रिलियन रुपये हो गया है.
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एसकेटी/एबीएम