भारत में खुदरा महंगाई दर मई में 6 वर्षों के निचले स्तर पर रही

नई दिल्ली, 12 जून . भारत की खुदरा महंगाई दर मई में कम होकर 2.82 प्रतिशत हो गई है, जो कि पिछले साल मई में 4.8 प्रतिशत थी. सरकार की ओर से गुरुवार को जारी किए गए डेटा में यह जानकारी दी गई थी.

खुदरा महंगाई दर का यह फरवरी 2019 के बाद सबसे निचला स्तर है. इस साल अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 3.16 प्रतिशत थी.

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी किए गए डेटा में बताया गया कि खाद्य महंगाई दर मई में कम होकर 0.99 प्रतिशत हो गई है, जो कि अक्टूबर 2021 के बाद सबसे निचला स्तर है. खाद्य महंगाई दर बीते सात महीने से लगातार कम हो रही है. इसकी वजह कृषि उत्पादन का बढ़ना है.

आधिकारिक बयान के अनुसार, मई के दौरान खुदरा महंगाई में बड़ी गिरावट मुख्य रूप से दालों, सब्जियों, फलों, अनाजों, घरेलू वस्तुओं एवं सेवाओं, चीनी और अंडों की कीमतों में गिरावट के कारण हुई है.

ईंधन की कीमतों में नरमी के कारण भी महंगाई में कमी आई है.

रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने बीते शुक्रवार को आरबीआई ने 2025-26 के लिए महंगाई के अपने पूर्वानुमान को भी 4 प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया है.

उन्होंने कहा, “सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए और सामान्य मानसून को देखते हुए वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति अब 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है. महंगाई पहली तिमाही में 2.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 3.9 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है.”

मल्होत्रा ने कहा कि पिछले छह महीनों में मुद्रास्फीति में काफी कमी आई है, जो अक्टूबर 2024 में टोलरेंस बैंड से ऊपर थी और अब लक्ष्य से काफी नीचे आ गई है. इसमें व्यापक आधार पर नरमी के संकेत हैं.

उन्होंने बताया कि इस वर्ष मार्च-अप्रैल में सीपीआई हेडलाइन महंगाई में गिरावट जारी रही, जिसमें अप्रैल 2025 में यह लगभग सालाना आधार पर छह साल के निचले स्तर 3.2 प्रतिशत पर आ गई थी.

एबीएस/