नई दिल्ली, 7 जुलाई . प्रसिद्ध पत्रकार अजय उपाध्याय का शनिवार शाम दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार रविवार को वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट पर किया गया. वह 66 वर्ष के थे.
उपाध्याय ने कई राष्ट्रीय समाचार पत्रों में प्रमुख संपादकीय पदों पर कार्य किया. वह लंबे समय तक हिंदी दैनिक ‘हिंदुस्तान’ के प्रधान संपादक रहे.
उपाध्याय के परिवार में उनकी पत्नी मंजू उपाध्याय, बेटा वार्तिक और बेटी शायनिका हैं.
वाराणसी से आए उपाध्याय दिल्ली में बस गए थे. अपनी प्रतिभा व मेहनत के बल पर वह पत्रकारिता जगत में बहुत ऊंचाई तक पहुंचे.
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के ओनिया गांव के रहने वाले उपाध्याय ने अपने प्रारंभिक वर्ष वाराणसी में बिताए और वहीं अपनी शिक्षा प्राप्त की.
उपाध्याय ने ‘हिंदुस्तान’, ‘दैनिक जागरण’ और ‘अमर उजाला’ जैसे समाचार पत्रों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया. उनके सहकर्मी उन्हें उनकी असाधारण संपादकीय कुशलता के लिए याद करते हैं.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के पूर्व महासचिव उपाध्याय एक पत्रकार के रूप में अपने विद्वत्तापूर्ण गुणों, दृढ़ संकल्प और विनम्र व्यवहार के लिए जाने जाते थे.
वाराणसी स्थित हिंदी दैनिक ‘आज’ से अपनी पत्रकारिता की यात्रा शुरू करने वाले उपाध्याय ने एमएसीटी भोपाल से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री भी हासिल की.
सहकर्मी उन्हें एक विद्वान पत्रकार और पत्रकारिता के क्षेत्र में अद्वितीय नेतृत्व गुणों और ज्ञान के विशाल भंडार के रूप में याद करते हैं.
उनके मित्र दिलीप चेरियन ने उपाध्याय को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके जैसे विद्वत्तापूर्ण कद वाले पत्रकार बहुत कम हैं.
मीडिया और समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया.
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने एक्स पर पोस्ट अपने शोक संदेश लिखा, “वरिष्ठ पत्रकार अजय उपाध्याय के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ. वे 66 वर्ष के थे. उन्होंने कई प्रमुख प्रकाशनों – दैनिक जागरण, अमर उजाला, हिंदुस्तान और आज तक के साथ काम किया था. ईश्वर उनके परिवार के सदस्यों को इस दुख और शोक की घड़ी में शक्ति प्रदान करें.”
चेरियन ने अपने एक्स हैंडल पर दिवंगत आत्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए लिखा,”उनके जैसे विद्वत्तापूर्ण पत्रकार या संपादक बहुत कम हैं, लेकिन उनको अपने इस गुण पर कोई गुमान नहीं था. राजनीति, भू-सुरक्षा, प्रौद्योगिकी समेत सभी विषयों पर उनकी गहरी पकड़ थी. उन्होंने कई विषयों पर लिखा और दृढ़ विश्वास व साहस के साथ संपादन किया. उनकी लेखनी से पत्रकारिता मजबूत हुई.”
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी उपाध्याय के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए एक प्रेस नोट जारी किया. इसमें लिखा, “एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया वरिष्ठ पत्रकार अजय उपाध्याय के निधन पर शोक व्यक्त करता है, जो गिल्ड के सदस्य और पूर्व महासचिव थे. 66 वर्षीय श्री उपाध्याय का निधन 6 जुलाई, 2024 को वाराणसी में हुआ. वे कई प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों और मीडिया घरानों से जुड़े थे. एक बहुमुखी पत्रकार के रूप में, राजनीतिक स्पेक्ट्रम में उनके पेशेवर संपर्क थे. स्वभाव से मिलनसार उपाध्याय ने अपनी लंबी पेशेवर यात्रा में युवा पत्रकारों की एक पीढ़ी का मार्गदर्शन किया.”
‘हिंदुस्तान’ के प्रधान संपादक शशि शेखर ने अजय उपाध्याय के साथ अपने समय को याद करते हुए उनकी मेहनत, बुद्धिमत्ता और विशेषज्ञता की प्रशंसा की. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, “अजय, आप चले गए हैं, लेकिन एक चीज है, जो कभी फीकी नहीं पड़ती, और वह है अतीत. मेरे अतीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा आपका है. आपको याद किया जाएगा.”
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