तिरुवनंतपुरम, 26 जून . केरल विधानसभा में तीन दिनों में दूसरी बार सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया. बुधवार को सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दो प्रमुख परीक्षाओं के खराब संचालन के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) और केंद्र की आलोचना की गई.
उच्च शिक्षा मंत्री आर. बिन्दु ने प्रस्ताव पेश किया. इसमें एनटीए और केंद्र की आलोचना करने के अलावा इस बात की गहन जांच की मांग की गई कि क्या गलत हुआ और क्या उपाय किए जाने चाहिए?
140 सदस्यीय विधानसभा की ओर से सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में कहा गया, “नीट-यूजी और यूजीसी-नेट परीक्षा के लिए पंजीकरण कराने वाले छात्र अब मानसिक तनाव में हैं. उनके सभी प्रयास बेकार हो गए. इन परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए जिम्मेदार एनटीए ने जिस तरह से अपना काम किया, उस पर केंद्र सरकार चुप है. हम केंद्र से मांग करते हैं कि इन परीक्षाओं के लिए काम करने वाले छात्रों की पीड़ा को दूर करने के लिए वह जल्द कार्रवाई करे.”
इससे पहले सोमवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की ओर से पेश प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया था. इस प्रस्ताव में केरल का नाम बदलकर ‘केरलम’ करने की मांग की गई थी.
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