नई दिल्ली, 20 सितंबर . शोधकर्ताओं की एक टीम ने केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (सीएनएस) को प्रभावित करने वाले मल्टीपल स्क्लेरोसिस बीमारी से पीड़ित लोगों में विकलांगता बढ़ने का पूर्वानुमान लगाने वाले बायोमार्करों की पहचान की है. मल्टीपल स्क्लेरोसिस एक दीर्घकालिक स्वप्रतिरक्षी रोग है, जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (सीएनएस) को प्रभावित करता है.
इस खोज से दुनिया भर में इस बीमारी से पीड़ित लाखों लोगों को बहुत फायदा मिलेगा और उनका प्रभावी उपचार हो सकेगा.
स्पेन के हॉस्पिटल यूनिवर्सिटेरियो रेमन वाई कैजल की टीम ने स्पेन और इटली के 13 अस्पतालों में इस बीमीरी से ग्रसित 725 रोगियों पर अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला है.
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि तंत्रिका कोशिका को हुए नुकसान को इंगित करने वाला सीरम न्यूरोफिलामेंट लाइट चेन (एसएनएफएल) का उच्च स्तर, इसका एक प्रोटीन, इस बीमारी की शुरुआत में रिलैप्स से संबंधित बिगड़ती स्थिति (आरएडब्ल्यू) और रिलैप्स गतिविधि से स्वतंत्र प्रगति (पीआईआरए) इन दोनों स्थितियों की भविष्यवाणी कर सकता है.
अस्पताल में डॉ. एनरिक मोनरियल और उनकी टीम ने रोग शुरू होने के 12 महीनों के भीतर इकट्ठा किए गए 725 एमएस रोगियों के रक्त के नमूनों का विश्लेषण किया.
उनके निष्कर्षों से पता चलता है कि उच्च एसएनएफएल स्तर एमएस में सीएनएस के भीतर तीव्र सूजन का संकेत देते हैं. इससे आरएडब्ल्यू होने का जोखिम 45 प्रतिशत और पीआईआरए होने का जोखिम 43 प्रतिशत बढ़ जाता है.
हालांकि उच्च एसएनएफएल स्तर वाले लोगों की प्रतिक्रिया मानक रोग-संशोधित उपचारों (डीएमटी) के प्रति अच्छी नहीं होती है, लेकिन उन्होंने नटालिज़ुमैब, एलेमटुज़ुमैब, ओक्रेलिज़ुमैब, रिटक्सिमैब और ओफ़ातुमुमैब जैसे उच्च-प्रभावकारिता डीएमटी से लाभ होता पाया.
एमएस के शोधकर्ता मोनरियल ने रोग की शुरुआत में एसएनएफएल और एसजीएफएपी दोनों स्तरों को मापने का सुझाव दिया. इससे एमएस रोगियों के लिए उपचार रणनीतियों को अधिक प्रभावी ढंग से तैयार करने में मदद मिलेगी.
शोधकर्ताओं ने बताया कि इसका मतलब यह होगा कि दोनों बायोमार्कर्स के निम्न स्तर वाले लोगों का, जिनका पूर्वानुमान अच्छा है, इंजेक्शन या डीएमटीएस के माध्यम से इलाज किया जा सकता है.
उन्होंने कहा, “वर्तमान डीएमटी मुख्य रूप से सीएनएस प्रतिरक्षा को प्रभावित किए बिना पेरीफेरल अडॉप्टिव इन्यून सिस्टम को लक्षित करते हैं. इस प्रकार, “पेरीफेरल सूजन के उच्च स्तर वाले लोगों को ढूंढना विकलांगता को रोकने और रोगी को लाभ पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण है.”
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