नई दिल्ली, 30 अक्टूबर . भारतीय शोधकर्ताओं ने चमकदार नैनो सामग्रियों से उन्नत सुरक्षा विशेषताओं वाली एक अनोखी स्याही विकसित की है. यह स्याही करेंसी, प्रमाण-पत्रों, ब्रांडेड सामान और दवाइयों की जालसाजी को रोकने में मददगार हो सकती है. दरअसल इस प्रकार की जालसाजी पूरी दुनिया में एक गंभीर समस्या है.
शोधकर्ता इस समस्या का हल ढूंढने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं. नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी) ने यह खोज की है. आईएनएसटी का कहना है कि इन नैनोमटेरियल से बनी ल्यूमिनसेंट स्याही में जालसाजी से निपटने की क्षमता है. इसे नकल-प्रूफ विभिन्न वस्तुओं पर इस्तेमाल किया जा सकता है. इनमें मुद्रा, प्रमाण पत्र, दवाइयां और ब्रांडेड उत्पाद शामिल हैं.
इस स्याही से उपभोक्ता और निर्माता अपने उत्पादों की प्रामाणिकता को आसानी से सत्यापित करने में सक्षम होंगे. यहां वैज्ञानिकों ने दुर्लभ अर्थ मैटेरियल्स के इस गुण का उपयोग करते हुए, दुर्लभ मृदा डोपिंग के साथ ल्यूमिनसेंट नैनोमटेरियल पर आधारित अपनी तरह की पहली सुरक्षा स्याही को बनाया है.
संस्थान का मानना है कि यह स्याही वर्तमान कोवर्ट टैग की सुरक्षा संबंधी खामियों को दूर करने में अहम भूमिका निभा सकती है. वर्तमान में टैग स्याही की सुरक्षा फीचर आमतौर पर केवल पराबैंगनी प्रकाश में ही दिखाई देते हैं और इसकी आसानी से नकल की जा सकती हैं. वहीं नई स्याही विभिन्न प्रकाश तरंगदैर्घ्य के तहत अलग-अलग रंग प्रदर्शित करने की अपनी क्षमता के माध्यम से सुरक्षा सुविधाए प्रदान करती है.
विशेष रूप से, यह स्याही 365 एनएम प्रकाश के तहत नीला, 395 एनएम प्रकाश के तहत गुलाबी और 980 एनएम निकट-अवरक्त (एनआईआर) प्रकाश के तहत नारंगी-लाल दिखाई देती है. यह प्रकाश, तापमान और आर्द्रता की स्थितियों की एक श्रृंखला के तहत प्रभावी रहती है.
संस्थान ने बताया कि ल्यूमिनसेंट नैनोमटेरियल को 120 डिग्री सेल्सियस पर एक सरल सह-अवक्षेपण विधि का उपयोग करके संश्लेषित किया गया था. संश्लेषण के बाद, नैनोमटेरियल को ध्वनि ऊर्जा लागू करके नैनोकणों को विलायक में परिवर्तित करने की प्रक्रिया का उपयोग करके व्यावसायिक रूप से उपलब्ध पीवीसी स्याही में परिवर्तित किया गया. इस मिश्रण का इस्तेमाल स्क्रीन-प्रिंटिंग तकनीक के जरिए पैटर्न और अक्षर बनाने के लिए किया गया. इन प्रिंटेड पैटर्न को जब अलग-अलग तरंगदैर्घ्य वाली रोशनी में रखा गया, तो उनमें वांछित रंग परिवर्तन साफ दिखाई दिए, जिससे स्याही की प्रभावशीलता साबित हुई.
वैज्ञानिकों की टीम ने पाया कि स्याही क्षमताओं को बढ़ाने में सक्षम हुई, जिससे इसकी सुरक्षा क्षमता में सुधार हुआ.
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जीसीबी/एफजेड