नई दिल्ली, 7 फरवरी . भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा रेपो रेट में 25 आधार अंक या 0.25 प्रतिशत की कटौती करने से बैंक सभी प्रकार के लोन पर ब्याज दर कम करेंगे, जिससे लोगों के हाथ में पहले के मुकाबले अधिक पैसा बचेगा और उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी. यह जानकारी एक्सपर्ट्स द्वारा शुक्रवार को दी गई.
मार्केट एक्सपर्ट्स सुनिल शाह ने से बातचीत करते हुए कहा कि यह एक स्वागत योग्य कदम है. आरबीआई द्वारा रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत कम करके 6.25 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे फाइनेंस की लागत कम होगी और लोग अधिक खर्च कर पाएंगे. सरकार पहले ही इनकम टैक्स छूट को 12 लाख रुपये तक कर चुकी है. मैं इन दोनों ही कदमों को साथ मिलाकर देखता हूं. इससे देश में खपत बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को फायदा होगा.
उन्होंने आगे बताया कि जैसे-जैसे महंगाई कम होगी. आरबीआई से इस तरह के और एक्शन देखने को मिल सकते हैं और आने वाली दो या तीन तिमाही में हमें इस एक्शन का असर खपत में बढ़त के रूप में देखने को मिलेगा.
कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के सेक्रेटरी जनरल, प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कमी करना एक अच्छा फैसला है. इससे बैंक से अब लोगों को सस्ती दरों पर लोन मिलेगा और लोगों की खर्च करने की क्षमता में इजाफा होगा. अगर बजट में इनकम टैक्स में मिली 12 लाख रुपये तक की छूट को मिलाकर देखा जाए तो आने वाले समय में बाजार में काफी पैसा आने वाला है.
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा द्वारा रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया गया है, जो कि पहले 6.50 प्रतिशत थी. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन समेत सभी प्रकार के लोन पर ब्याज दर कम होगी. केंद्रीय बैंक द्वारा करीब पांच वर्ष बाद ब्याज दरों को घटाया गया है. इससे पहले आरबीआई ने मई 2020 में रेपो रेट को घटाकर 4 प्रतिशत किया था.
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