शॉर्ट फिल्म ‘एक कदम’ में एक साथ आए रेणुका शहाणे और राजेश तैलंग

मुंबई, 19 जून . एक्‍ट्रेस रेणुका शहाणे और राजेश तैलंग शॉर्ट फिल्म ‘एक कदम’ के लिए एक साथ आए हैं. इसमें एक गृहिणी की अपनी पहचान और स्वतंत्रता को फिर से खोजने की परिवर्तनकारी यात्रा को दिखाया गया है.

राजीव उपाध्याय द्वारा निर्देशित शॉर्ट फिल्म ‘एक कदम’ में एक मध्यम आयु वर्ग की गृहिणी अनुराधा सोलंकी की कहानी है, जो हमेशा अपने पति महेंद्र पर निर्भर रहती है और कभी अकेले बाहर नहीं जाती.

रेणुका ने बताया, “जब मैंने पहली बार ‘एक कदम’ की स्क्रिप्ट पढ़ी, तो मैं अनुराधा की इस यात्रा से बेहद प्रभावित हुई. यह विपरीत परिस्थितियों के बीच खुद को फिर से खोजने की एक शक्तिशाली कहानी है. राजीव और राजेश के साथ काम करना शानदार अनुभव था. मुझे उम्मीद है कि यह फिल्म दर्शकों को उतनी ही पसंद आएगी, जितनी मुझे पसंद आई.”

निर्देशक राजीव ने मुख्य भूमिकाओं की कास्टिंग के अपने अनुभव के बारे में बताया, “जब मैंने ‘एक कदम’ की स्क्रिप्ट लिखी, तो मैंने रेणुका शहाणे को अनुराधा के रूप में देखा. मैंने उन्हें मैसेज किया और स्क्रिप्ट शेयर की. उन्हें यह बहुत पसंद आई और वह तुरंत ही इसमें शामिल हो गईं.”

उन्‍होंने कहा, “राजेश सर को भी स्क्रिप्ट बहुत पसंद आई और वे जल्द ही इसमें शामिल हो गए. मैं बहुत खुश था कि मुझे अपनी पहली पसंद के मुख्य किरदार पहले ही मिल गए, जैसा मैंने सोचा था. रेणुका मैम और राजेश सर मेरी फिल्म के किरदार बन गए. मेरी कल्पना को जीवंत कर दिया. मैं अपनी निर्माता अमृता डोडानी का उनके अटूट समर्थन के लिए विशेष रूप से आभारी हूं.”

उन्होंने आगे कहा, “विभिन्न प्रतिष्ठित समारोहों में हमारी फिल्म का चयन और हमें मिले पुरस्कार, केक पर आइसिंग की तरह थे.”

राजेश ने कहा कि ‘एक कदम’ की स्क्रिप्ट ने उन्हें बेहद आकर्षित किया.

उन्‍होंने कहा, “महेंद्र का किरदार जटिल है. उसके और अनुराधा के बीच का रिश्ता बेहद सम्मोहक है. रेणुका और राजीव के साथ काम करना खुशी की बात थी. मेरा मानना ​​है कि यह फिल्म सशक्तिकरण और आत्म-खोज के बारे में एक महत्वपूर्ण संदेश देती है.”

20 मिनट और 38 सेकंड की फिल्म ‘एक कदम’, हमारावमूवी, हंगामा, वोडाफोन और एयरटेल पर रिलीज हो चुकी है.

निर्माता अमृता डोडानी ने कहा, “पुरुष-प्रधान समाज में महिलाओं पर अक्सर अत्याचार होता है. एक महिला के रूप में मैं इससे गहराई से जुड़ती हूं. ‘एक कदम’ महिलाओं को पितृसत्ता से बाहर निकलने के लिए प्रोत्साहित करने का हमारा प्रयास है, चाहे उनकी उम्र या परिस्थितियां कुछ भी हो.”

एमकेएस/एबीएम